ज्योतिष में भगवान श्रीगणेशजी से जुड़े ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करते ही आपकी समस्या दूर हो जाती है। इसी प्रकार गणेशजी के कुछ खास मंदिरों में भी इन उपायों को किया जाता है। इसी क्रम में हम आज आपको जयपुर के एक ऐसे गणेशजी के मंदिर के बारे में बताएंगे जहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से कुंवारे लड़के-लड़कियों की शादी जल्दी ही उनके मनपसंद साथी से हो जाती है।
ये भी पढ़ेः इन मंत्रों से करें गणेशजी की पूजा, आज ही पूरे होंगे सब काम तांत्रिक यज्ञ की भस्म से बनी हुई है नहर के गणेशजी की प्रतिमा पुराने जयपुर में नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर बनाए गए नहर के गणेशजी लिए ऐसी ही प्राचीन मान्यता है। यहां विराजमान गणेशजी की प्रतिमा में सूंड़ दाहिनी तरफ है। यह प्रतिमा तांत्रोक्त विधि-विधानों के साथ आज से लगभग 175 वर्ष पूर्व स्थापित की गई थी। इनकी प्रतिमा तांत्रिक साधना के प्राप्त हुई भस्म से बनाई गई थी।
ये भी पढ़ेः गणेशजी के इन उपायों से बन जाती है बिगड़ी किस्मत कहा जाता है कि नाहरगढ़ की पहाड़ियों में रियासत काल के समय व्यास रामचन्द्र ऋग्वेदी भगवान शिव का ध्यान-उपासना के लिए हवन किया करते थे। अपनी उम्र के आखिर पड़ाव में जो हवन करने से भस्म प्राप्त हुई उससे गणेश प्रतिमा का निर्माण किया। व्यासजी ने तंत्र विद्या का उपयोग कर इस भस्म की प्रतिमा को गणेश का रूप दिया। यही नहीं प्रतिमा की स्थापना भी दक्षिणमुखी (अर्थात दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए) की गई है। यह प्रतिमा लगभग 5 फीट 6 इंच ऊंची और 4 फीट चौड़ी है। इनके बाईं और शिव पंचायत है।
उल्टा स्वास्तिक बनाने से होती है जल्दी ही शादी स्थानीय नागरिकों की मान्यता है कि जिन विवाह योग्य कुंवारे लड़के-लड़कियों की शादी न हो रही हो वो अगर यहां पर आकर लगातार तीन बुधवार सिंदूर से उल्टा स्वास्तिक बनाएं तो अगले छह महीनों के अंदर ही उनका विवाह किसी अच्छे जीवनसाथी से हो जाता है। शादी के बाद विवाहित जोड़े को यहां आकर सीधा स्वास्तिक बनाना होता है तथा भगवान को प्रसाद चढ़ाना होता है। इससे उनका जीवन सुखमय बीतता है।
उल्टा स्वास्तिक बनाने से बनने लगते हैं बिगड़े काम भी यहां पर लोग सिर्फ विवाह ही नहीं वरन अपनी अन्य इच्छाओं को पूरा करने के लिए भी उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। काम पूरा हो जाने पर वो बुधवार के ही दिन आते हैं और सीधा स्वास्तिक बनाकर प्रसाद चढ़ाते हैं।
सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं नहर के गणेशजी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति यहां लगातार 7 बुधवार पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और रुके हुए काम बनने लगते हैं। काम होने के बाद व्यक्ति को यहां लड्डू का प्रसाद चढ़ाना होता है।
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