इंदौर। विजयेंद्र सिंहराव घाटगे, आम लोगों में विजयेंद्र घाटगे के रूप में लोकप्रिय हैं। अनेक फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में काम कर चुके विजयेंद्र एक जाना पहचाना नाम हैं। इनके फिल्मी सफर के बारे में तो कई लोग जानते हैं, लेकिन इनकी निजी जिंदगी के बारे में चुनिंदा लोग ही जानते हैं। ‘पत्रिका’ के माध्यम से हम इनकी जिंदगी के कई तथ्यों से पाठकों को अवगत करवा रहे हैं। इंदौर के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजयेंद्र घाटगे इंदौर के महाराजा तुकोजीराव होलकर तृतीय की बेटी सीताराजे घाटगे के पुत्र हैं। इनके पिता कर्नल एफडी घाटगे कोल्हापुर के समीप स्थित कस्बे कगल के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे।
इनकी शिक्षा-दीक्षा इंदौर के डेली कॉलेज से हुई। वहां विजयेंद्र एनसीसी की फ्लाइंग सार्जेंट एयरविंग के प्रमुख सुपरिटेंडेंट और ‘स्वॉर्ड ऑनर’ रह चुके हैं। स्कूली शिक्षा के बाद इन्होंने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स (प्रबंधन) किया। वहां इनका रुख फिल्म इंडस्ट्री की ओर हो गया। अभिनय की बारीकियां सीखने के लिए इन्होंने पुणे के ‘फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ से प्रशिक्षण लिया। फिल्मों की ओर उनके रूख का पता कॉलेज में ही चल गया था, जहां उन्होंने मॉडलिंग की थी। नेवी के यूनाइटेड सर्विसेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वे एक मॉडल के रूप में शामिल हुए थे, जहां उन्हें ‘सी लॉर्ड’ की उपाधि से नवाजा गया।
कड़े संघर्ष के बाद 1976 में रिलीज राजश्री प्रोडक्शन की बासु चटर्जी निर्देशित और रवींद्र जैन द्वारा संगीतबद्ध फिल्म ‘चितचोर’ से इन्हें पहला बे्रक मिला। संगीतमय, रोमांटिक और लीक से हटकर फिल्म होने के कारण यह एक बड़ी हिट साबित हुई और विजयेंद्र का फिल्म करियर चल पड़ा। इसके बाद उन्होंने अगर, शायद, नजराना प्यार का जैसी फिल्में की। इन फिल्मों के बाद आई उनकी फिल्म ‘कसमें-वादे’ सुपरहिट साबित हुई। इस प्रकार इनके करियर का ग्राफ नई ऊंचाइयां छूता गया। अपने फिल्मी सफर में इन्होंने रकई बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया। इनमे राजकपूर की ‘प्रेमरोग’, कमाल अमरोही की ‘रजिया सुल्तान’, राज एन. सिप्पी की सत्ते पे सत्ता, टीएलवी प्रसाद की ‘मेरे घर, मेरे बच्चे’ आदि प्रमुख फिल्में हैं। अपने फिल्मी सफर में इन्होंने लगभग 75 फिल्मों में काम किया।
बुनियाद में निभाई थी वृषभान की भूमिका
टेलीविजन इंडस्ट्री में भी इनका योगदान महत्वपूर्ण है आज भी लोग धारावाहिक बुनियाद में उनके द्वारा निभाई गई वृषभान की भूमिका को उनके संपूर्ण अभिनय करियर की सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस मानते हैं। बुनियाद के अलावा इन्होंने सिंहासन बत्तीसी, तलाश, जुनून जैसे कई धारावाहिकों में काम किया है। मौसमी चटर्जी के साथ किए गए ऋषिकेश मुखर्जी के धारावाहिक ‘तलाश’ के लिए इन्हें ‘अपट्रॉन बेस्ट एक्टर अवार्ड’ से नवाजा जा चुका है।
बेटी ने भी बनाई बॉलीवुड में जगह
विजयेंद्र घाटगे की बेटी सागरिका घाटगे भी आज फिल्म इंडस्ट्री का जाना पहचाना नाम है। सागरिका ने फिल्म ‘चक दे इंडिया’ में प्रीती सबरवाल की भूमिका से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। इसके बाद वे फॉक्स, रश, मिले न मिले हम, दिलदारियां जैसी फिल्में कर चुकी हैं और उनका फिल्मी सफर जारी है। वर्तमान में विजयेंद्र घाटगे कई डेयरी मिल्क सहित कई विज्ञापन ब्रांड्स के एड में नजर आ रहे हैं।
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