गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी इलाज से बचाव बेहतर है।
हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, बच्चों को वाहनों में छोडकऱ न जाएं। इससे उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है। नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत-खलिहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाएं। यदि बच्चे को चक्कर, उल्टी, घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
25 मई को सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा का आरंभ हो गया था और 2 जून तक रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य जितने दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं उतने दिन भीषण गर्मी का एहसास होता है। इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाती है। इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होती है।