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बढ़ती उम्र में कमजोरी, दिमाग पर असर! डिमेंशिया का खतरा और बढ़ता है

Physical weakness and dementia : एक नए ऑस्ट्रेलियाई शोध के अनुसार, शारीरिक कमजोरी और डिमेंशिया (Dementia) (भूलने की बीमारी) के बीच गहरा संबंध पाया गया है।

जयपुरNov 13, 2024 / 10:16 am

Manoj Kumar

Physical weakness and dementia

Physical weakness and dementia : डिमेंशिया एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो उम्र के साथ बढ़ती जाती है। हाल ही में किए गए एक ऑस्ट्रेलियाई शोध में इस समस्या के बढ़ते खतरे का एक नया कारण सामने आया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि शारीरिक कमजोरी और डिमेंशिया (Dementia) के बीच गहरा संबंध है। इस अध्ययन के कुछ प्रमुख पहलुओं पर आधारित यह लेख जानने योग्य तथ्य प्रस्तुत करता है।
शोध में क्या पाया गया?

    शारीरिक दुर्बलता से डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है: Physical frailty increases the risk of dementia:

    क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 1997 से 2024 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 29,849 लोगों के डेटा का अध्ययन किया। इस डेटा से यह पता चला कि जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर (Physical weakness) थे, उनमें डिमेंशिया (Dementia) विकसित होने की आशंका अधिक थी। इन प्रतिभागियों में से 3,154 लोगों में डिमेंशिया के लक्षण देखे गए। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि शारीरिक कमजोरी और डिमेंशिया के बीच एक मजबूत संबंध है।
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    क्या है शारीरिक कमजोरी का मतलब?

      कमजोरी क्या है और कैसे यह डिमेंशिया का कारण बन सकती है?

      कमजोरी (Physical weakness) एक स्वास्थ्य स्थिति है जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है। इसमें व्यक्ति का शरीर अपनी लचीलापन खोने लगता है और गिरने, विकलांगता, और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बढ़ जाती है। जब किसी व्यक्ति के अंग कमजोर हो जाते हैं, तो उसका संज्ञानात्मक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। शारीरिक कमजोरी (Physical weakness) से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी आ सकती है, जिससे मानसिक सेहत पर असर पड़ता है और डिमेंशिया (Dementia) का खतरा बढ़ जाता है।

      शोध का उद्देश्य और भविष्य की रणनीतियाँ

        शोधकर्ता का उद्देश्य और सलाह:

        शोध के प्रमुख लेखक डेविड वार्ड का कहना है कि उम्र बढ़ने, कमजोरी और डिमेंशिया (Dementia) के बीच इस संबंध को समझना महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, डिमेंशिया (Dementia) का खतरा लगभग नौ साल पहले शारीरिक कमजोरी (Physical weakness) के संकेतों से जुड़ा होता है। इस जानकारी का लाभ उठाकर विशेषज्ञ समय रहते टारगेटेड इंटरवेंशन स्ट्रैटजी का उपयोग कर सकते हैं, जिससे वृद्धावस्था में जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

        डिमेंशिया से कैसे बचा जा सकता है?

          रोकथाम के उपाय और स्वस्थ जीवनशैली का महत्व:

          डिमेंशिया (Dementia) से बचने के लिए व्यक्ति को जीवनशैली में सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए। शारीरिक कमजोरी (Physical weakness) को कम करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक गतिविधियों में सक्रिय रहना सहायक हो सकता है। समय-समय पर चिकित्सा परामर्श लेना भी लाभकारी साबित हो सकता है।

          डिमेंशिया के बढ़ते आंकड़े

            विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार:

            डिमेंशिया (Dementia) का वैश्विक प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह बीमारी 55 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करती है। इसलिए, इस बीमारी से बचाव के लिए शोध के माध्यम से प्राप्त जानकारी का उपयोग करके न केवल भारत बल्कि विश्वभर में बेहतर जीवनशैली और स्वास्थ्य नीतियाँ बनाई जा सकती हैं।
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            इस शोध से एक नई रोशनी मिली है कि कैसे उम्र के साथ शारीरिक कमजोरी (Physical weakness) डिमेंशिया जैसी जटिल समस्याओं को जन्म दे सकती है। यह जानने के बाद, हमें इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है ताकि उम्र के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखा जा सके।

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