इस सत्र से लागू होगी व्यवस्था
महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत पीजी के लिए बड़े बदलाव किए जाने शुरू हो गए हैं। विद्यार्थी जिन कोर्स में पीजी कर रहा है उसके मिलाकर कम्युलेटिव ग्रेड प्वांइट एवरेज (सीजीपीए) दिया जाएगा। इस संबंध में पीजी के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों को ग्रेड के साथ उनके अंक भी दे सकेंगे। ओ- (आउटस्टैंडिंग) 10, ए प्लस(एक्सीलेंट) 9 ्र ए (वेरी गुड) 8, बी प्लस (गुड) 7, बी (अबॉव एवरेज) 6 , सी (एवरेज) 5, पी (पास) 4, एफ (फेल) 0, एबी (एबसेंट) 0 मार्किंग होगी।
यूजीसी ने दिया गणना का फॉर्मूला
एसजीपीए और सीजीपीए की गणना के लिए भी यूजीसी ने एसजीपीए और सीजीपीए की गणना कैसे की जाएगी, इसके लिए भी यूजीसी ने फॉर्मूला तय किया है। विभिन्न कोर्स के क्रेडिट के आधार पर विद्यार्थियों को लेटर ग्रेड और ग्रेड प्वाइंट हासिल होंगे। इसके बाद क्रेडिट और ग्रेड प्वाइंट का गुणा किया जाएगा। इसके बाद सभी कोर्स का जो भी अंक आएगा उसे अंत में जोड़ा जाएगा। इसी के आधार पर एसजीपीए तय होगा। सभी कोर्स में यह पद्धति अपनाई जाएगी। इस तरह से छात्र का फॉर्मूला तय किया है एसजीपीए तय होगा। एसजीपीए तय होने के बाद चारों सेमेस्टर के एसजीपीए को जोड़ा जाएगा और उसे 20 से गुणा किया जाएगा। इस तरह से चार सेमेस्टर के कुल क्रेडिट 80 होंगे। इन्हें 80 से भाग दिया जाएगा और उसके आधार पर जो अंक आएगा उससे छात्र का सीजीपीए तय होगा। यह छात्र का चारों सेमेस्टर में ओवरऑल परफॉर्मेंस होगा। एसजीपीए और सीजीपीए को राउंड फिगर में लिखा जा सकेगा।
इनका कहना है
नई शिक्षा नीति के तहत चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने पर एक साल की पीजी की शैक्षणिक व्यवस्था में ग्रेडिंग सिस्टम लागू होगा है। अगले साल चार वर्षीय स्नातक पढाई करने वाले छात्रों की परफॉर्मेंस का मूल्यांकन पीजी में नए सिस्टम से किया जाना है।