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मौज में राशन डकारने वाले: खाद्य विभाग और पुलिस के बीच उलझकर रह गई एफआइआर की प्रक्रिया

जांच के बाद सहायक प्रबंधक व दुकान विक्रेता से 20.95 लाख रुपए की वसूली के निर्देश सागर. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन को डकारने वाले सहायक समिति प्रबंधक और दुकान विक्रेता आरोप सिद्ध होने के बाद भी मौज कर रहे हैं। एसडीएम सागर ने प्रबंधक व विक्रेता पर एफआइआर के […]

सागरJul 27, 2024 / 01:23 am

नितिन सदाफल

सहायक समिति प्रबंधक विजय दुबे

सहायक समिति प्रबंधक विजय दुबे

जांच के बाद सहायक प्रबंधक व दुकान विक्रेता से 20.95 लाख रुपए की वसूली के निर्देश

सागर. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन को डकारने वाले सहायक समिति प्रबंधक और दुकान विक्रेता आरोप सिद्ध होने के बाद भी मौज कर रहे हैं। एसडीएम सागर ने प्रबंधक व विक्रेता पर एफआइआर के निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन मामला खाद्य विभाग व पुलिस के बीच उलझकर रह गया है। निर्देश के चार से पांच दिन बाद भी आरोपियों पर एफआइआर दर्ज नहीं हो सकी है। दोनों ही विभाग के अधिकारी अपनी-अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। खाद्य विभाग का कहना है कि वे दो से तीन बार थाने गए, लेकिन हर बार नए-नए कागज मांगे जा रहे हैं तो पुलिस का कहना है कि उनके फोन करके बुलाने के बाद भी कोई एफआइआर के लिए नहीं आया।
यह है मामला

प्रशासनिक जानकारी के अनुसार बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था पामाखेड़ी द्वारा संचालित पामाखेड़ी राशन दुकान के सहायक समिति प्रबंधक विजय दुबे व सहायक विक्रेता अमरजीत सिंह ने राशन वितरण में गंभीर अनियमितताएं की थीं। शिकायत के बाद 19 मार्च को राशन दुकान संचालन के लिए अस्थाई रूप से दूसरी संस्था को दे दी गई थी और विजय दुबे व अमरजीत सिंह पर 20 लाख 97 हजार 563 रुपए की रिकवरी निकाली गई। एसडीएम सागर ने मामले की सुनवाई की और मिली गड़बडिय़ों पर कलेक्टर के अनुमोदन के बाद दोनों पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
एफआइआर के निर्देश हैं

ग्रामीण क्षेत्र की दुकान होने के कारण मामला एसडीएम कोर्ट में था, जहां से समिति के सहायक प्रबंधक व दुकान के सहायक विक्रेता पर एफआइआर के निर्देश हुए हैं। अधिकारी को भेजा था, लेकिन अभी मामला दर्ज नहीं हो पाया है।
अनिल कुमार तंतुवाय, जिला आपूर्ति नियंत्रक

मुझे कोई नहीं मिला

सूचना मिली थी कि खाद्य विभाग से कोई अधिकारी आए हैं, लेकिन संबंधित मामले में जो दस्तावेज केस के साथ संलग्न करने हैं वह उनके पास नहीं थे। मैंने खुद फोन पर बात कर दस्तावेजों की जानकारी दी है, लेकिन दो दिन से कोई नहीं आया।
गौरव गुप्ता, थाना प्रभारी, सानौधा

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