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गंभीर बीमारियों में सुपरस्पेशलिटी की सुविधा होगी, बड़ी सर्जरी के लिए नहीं जाना होगा बाहर

सरकार ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल को मर्जर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के बाद यह दावा किया जा रहा है कि अगले एक साल में संभाग के लोगों को कैंसर, हार्ट, ब्रेन जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दूसरे शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि उन्हें यहीं पर सुपरस्पेशलिटी की व्यवस्था मिलेगी।

सागरSep 12, 2024 / 11:32 am

Madan Tiwari

सरकार की बीएमसी-जिला अस्पताल मर्जर को मंजूरी – 1150 बेड का अस्पताल होने से एमबीबीएस की 125 और पीजी की 38 सीटें बढेंगीं, बुंदेलखंड के छात्रों को होगा लाभ

सागर. सरकार ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल को मर्जर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के बाद यह दावा किया जा रहा है कि अगले एक साल में संभाग के लोगों को कैंसर, हार्ट, ब्रेन जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दूसरे शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि उन्हें यहीं पर सुपरस्पेशलिटी की व्यवस्था मिलेगी। इतना ही नहीं एक्सीडेंटल केस के बाद बड़ी-बड़ी सर्जरी भी स्थानीय स्तर पर हो सकेंगी। नए प्लान में लोगों को प्राइवेट अस्पतालों के जैसे प्राइवेट साफ-सुधरे रूम की व्यवस्था भी की जाएगी। मर्जर के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि होने के साथ बीएमसी के छात्रों की टीचिंग और ट्रेनिंग की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

– खाली जगह पर तैयार होगा कैंसर अस्पताल

मेडिकल कॉलेज ने कैंसर अस्पताल तैयार करने की पूरी प्लानिंग कर ली है। मेडिकल कॉलेज के पास करीब 28 एकड़ जमीन तो है, लेकिन उनके पास अस्पताल तैयार करने पर्याप्त जगह नहीं थीं। मर्जर के बाद यह बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल की लगभग 25 एकड़ जगह में से बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है। उस खाली जमीन पर कैंसर अस्पताल के साथ अन्य सुविधाओं को डवलप किया जा सकेगा।

– मर्जर इसलिए जरूरी

मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस व पीजी की सीटों को बढ़ाने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन की शर्तों के अनुसार 900 बेड का अस्पताल होना जरूरी है। चूंकि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में 750 और जिला अस्पताल में 300 बेड उपलब्ध हैं। इसलिए जिला अस्पताल को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मर्ज करने से मेडिकल कमीशन की शर्त पूरी हो जाएगी। मंत्री राजपूत ने बताया कि इसके अलावा जिला अस्पताल में 100 बेड का मेटरनिटी अस्पताल का निर्माण भी चल रहा है। इस प्रयास के बाद मेडिकल कॉलेज में कुल 1150 बेड का अस्पताल उपलब्ध हो जाएगा।

– यूजी-पीजी की सीट बढ़कर 348 हो जाएंगी

कैबिनेट में पारित हुए इस निर्णय के बाद अब मेडिकल कॉलेज में यूजी-पीजी की सीटें बढ़कर 348 हो जाएंगीं, जिसमें एमबीबीएस की सीटें 125 से बढ़कर 250 हो जाएंगीं तो वहीं पीजी कोर्स की वर्तमान 60 सीटों को को बढ़ाकर 98 किया जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा फायदा पिछड़े बुंदेलखंड के छात्रों को होने का दावा किया जा रहा है। सरकार ने मेडिकल कॉलेज में सीट वृद्धि के लिए लगभग 200 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। यूजी-पीजी की सीटों में वृद्धि के लिए आवश्यक मानव संसाधन जैसे चिकित्सा संवर्ग के अधिकारी, गैर चिकित्सा संवर्ग के अधिकारी, रिसर्च स्टॉफ आदि की भी व्यवस्था की जा रही है।

– यह सुविधाएं शुरू होंगीं

बीएमसी प्रबंधन ने कुछ समय पहले जो प्लान तैयार किया था, उसके अनुसार प्रसूता और शिशु वार्ड जिला अस्पताल में शिफ्ट होगा। मरीज बढ़ेंगे, इस हिसाब से यहां बच्चों व महिलाओं के बेड भी बढ़ाए जाएंगे। यहां एसएनसीयू वार्ड की क्षमता 20 से बढ़ाकर 40 तो पीआइसीयू में 10 से बढ़ाकर 20 बेड किए जाएंगे। इसके लिए नवनिर्मित 100 बेड की अस्पताल का उपयोग करने की बात बताई जा रही है। इसके अलावा करीब 2.5 करोड़ रुपए की लागत से यहां स्पाइन इंजरी सेंटर भी शुरू होगा, जिसकी वित्तीय स्वीकृति भी मिल चुकी है। बीएमसी में ही एमआरआई व सीटी स्कैन मशीन लगाने के अलावा न्यूरो, नेफ्रो जैसे विभाग भी शुरू होंगे।

– फैक्ट फाइल

55 एकड़ का हो जाएगा परिसर

750 बेड अभी बीएमसी में

300 बेड जिला अस्पताल में

100 बेड का नया अस्पताल तैयार हो रहा
1500 से करीब मरीज बीएमसी की ओपीडी में आते हैं

700 मरीज जिला अस्पताल की ओपीडी में आते हैं

250 सीटें एमबीबीएस की हो जाएंगीं

98 सीटें पीजी कोर्स की हो जाएंगीं

– एक साल में बदलेगी तस्वीर

मर्जर की मंजूरी मिलने के बाद हमारा प्रयास है कि अगले एक साल में बीएमसी में भी महानगरों की तहत संभाग के लोगों को बेहतर इलाज मिले। गंभीर बीमारियों के इलाज के साथ बड़ी सर्जरी भी होंगीं। जल्द ही इसको लेकर प्लान तैयार किया जाएगा।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी

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