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एमआरपी की आड़ में सर्जिकल आइटम में चल रहा कमीशनबाजी का खेल

-थोक दुकानों पर ३० रुपए में बिकने वाला कैनुला दवा दुकानों पर बिक रहा १०० से १३० रुपए में
-ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सर्जिकल आइटम भी बिक रहे मनमाने रेट पर
पत्रिका स्टिंग

दमोहNov 06, 2024 / 11:57 am

आकाश तिवारी

-थोक दुकानों पर ३० रुपए में बिकने वाला कैनुला दवा दुकानों पर बिक रहा १०० से १३० रुपए में
-ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सर्जिकल आइटम भी बिक रहे मनमाने रेट पर
पत्रिका स्टिंग
दमोह. सर्जिकल आइटमों पर मैक्सिमम रिटेल प्राइज (एमआरपी) की आड़ में दवा व्यवसायी जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। मरीजों व अटेंडरों को दस गुना दामों पर चीजें बेच रहे हैं। इधर, एमआरपी बढ़ाकर मुनाफाखोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए जिम्मेदारों के पास कोई ठोस प्लान नहीं है। यही कारण है कि खुले आम दवा व्यापारी तीन रुपए की चीजें १०० और १३० रुपए में बेचकर मरीजों के साथ ढगी करने में लगे हुए हैं।
पत्रिका ने इसी संबंध में शहर की तीन रिटेल दवा दुकानों का स्टिंग ऑपरेशन किया, जहां मालूम चला कि एमआरपी की आड़ में मुनाफाखोरी चल रही है। सरकारी व निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान मरीजों के लिए कैनुला, ड्रिप सेट, कैथेटर आदि की तुरंत मांग की जाती है। दवा दुकानों पर यही चीज कई गुना बढ़े दामों पर बेची जा रही है।
स्टिंग:-१
स्टेशन मार्ग पर संचालित विद्या अस्पताल में संचालित समीर मेडिकल पर कैनुला का रेट पूछा तो मौके पर मौजूद कर्मचारी ने रेट बताने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि यदि कैनुला चाहिए हो तो रेट बताएंगे। यहां उसने १०० रुपए में कैनुला और ड्रिप ग्रिप दिया। जब कर्मचारी को बताया कि यह सामान थोक में ३० रुपए में मिलता है, तो उसका कहना था कि यहां इतने में ही मिलेगा।
स्टिंग:-२
बस स्टैंड स्थित भारत मेडिकल पर जब कैनुला और ड्रिप-ग्रिप की कीमत के बारे में बात की तो एक कर्मचारी ने कैनुला की कीमत ४० रुपए बताई। जब पूरा सेट की मांग की तो उसने ८० रुपए रेट बताए। इससे पहले एक कर्मचारी ने यही सामग्री २०० रुपए की बताई। हालांकि जब थोक के रेट बताए तो उसने ८० रुपए से कम न देने की बात कही।
स्टिंग:-३
पुरानी जिला पंचायत कार्यालय के सामने टंडन मेडिकल स्टोर पर जब पत्रिका रिपोर्टर ने कैनुला का रेट पूछा तो यहां पर इसका रेट ५० रुपए बताया गया। वहीं, कैथेटर की कीमत ७० रुपए बताई गई। हालांकि जब थोक में कैनुला ३० रुपए और कैथेटर ३० रुपए में मिलने की बात कही, तो कर्मचारी ने कहा कि कंपनियां अलग-अलग होती हैं। हमारे पर इसी रेट में मिलेगा।
-शहर में१०० से ज्यादा है दवा दुकानें
शहर में इन दिनों दवा दुकानों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। अनुमान के तौर पर शहर में १०० से अधिक दवा दुकानें संचालित हैं। वहीं, सरकारी अस्पताल के अलावा ६४ छोटे-बड़े नर्सिंग होम व क्लीनिक संचालित है।
-एमआरपी की आड़ में इस तरह चल रही कमीशनखोरी
ब्रेनुला: थोक रेट:-२० से लेकर 47 रुपए
मेडिकल पर बिकता है 80 से 130 तक में
एमआरपी: 180 से 278

आईबी: थोक रेट:-०५ से 10 रुपए तक
मेडिकल पर बिकता है 15 से 30 तक में
एमआरपी: 165 से 200 रुपए
कैथेटर: थोक रेट 25 से 30 रुपए है।
मेडिकल पर बिकता है 70 से 100 रुपए में।
एमआरपी: 180 से 230 रुपए

यूरो बैग: थोक रेट 15 से 20 रुपए
बाजार में बिक रहा है 40 से 50 रुपए का।
एमआरपी: 80 से 100 रुपए
आरएल ड्रिप:थोक रेट 20 से 22 रुपए।
बाजार में बिक रही है 40 रुपए की।
एमआरपी: 63 से 65 रुपए

क्रैप बेंडेज: थोक रेट 25 से 30 रुपए
बाजार में बिक रही है 55 से 60 रुपए की।
एमआरपी: 63 से 80 रुपए
यह बोली जिम्मेदार….
एमआरपी से ज्यादा कोई सर्जिकल आइटम बेच रहा है। तो मुझे बताएं, मै कार्रवाई करूंगी। एमआरपी की आड़ में मुनाफे के खेल तो चल रहा है। मैंने खुद अपने परिचित के इलाज के लिए उसी रेट पर सर्जिकल आइटम खरीदे थे।
महिमा जैन, ड्रग इंस्पेक्टर दमोह

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