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राजकोट व दिल्ली के अग्नि हादसे आंखें खोलने के लिए काफी है, कोई तो बताए हमारी तैयारी क्या है

-सात मंजिला बिल्डिंग के शहर में अपडेट नहीं फायर बिग्रेड सिस्टम

छिंदवाड़ाMay 27, 2024 / 04:30 pm

manohar soni

छिंदवाड़ा. गुजरात के राजकोट में गेम जोन में अग्नि हादसे की बच्चों समेत 28 की मौत हो या फिर दिल्ली के एक अस्पताल में अग्निकाण्ड से नवजात की हृदयविदारक मृत्यु की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर दिया है। ऐसी घटनाओं को रोकने शहर के पास अपडेट संसाधन क्या है,इस बारे में नगर निगम को फिर से समीक्षा क रना होगा। प्रसन्न गिफ्ट गैलरी जैसे छोटे अग्नि काण्ड में आग बुझाने निगम की सांसें फूल गई थी, तब सात मंजिला बिल्डिंग की स्थिति में कोई तैयारी नहीं की गई है।
एक बार फिर निगम के अग्नि शमन इंतजाम देखे जाए तो दीनदयाल पार्क में छोटे कमरे में संचालित फायर विभाग में एक समय में 10 कर्मचारी तैनात है। वाहनों में केवल चार वाहन है। खुद कर्मचारी कई बार लिखकर दे चुके हैं कि शहर समेत आसपास ग्रामीण इलाकों में हो रहे अग्नि हादसे और घटनाओं को रोकने वाहन समेत अन्य संसाधनों का अभाव है। कम से कम पांच और वाहनों की खरीद होना चाहिए। मेट्रो सिटी की तरह अत्याधुनिक फायर फाइटर वाहन। जिससे सात मंजिला बिल्डिंग की आग को बुझाया जा सकता है।

सालों पुराने वाहन से शहर और गांव की जिम्मेदारी

निगम के पास तीन बड़े वाहन एवं एक छोटा वाहन उपलब्ध है। ये 4000 लीटर एवं 500 लीटर क्षमता के है। कैनवास पाइप आधा किमी दूरी तक की आग बुझाने में सक्षम है। इन वाहनों पर न केवल निगम क्षेत्र के 48 वार्ड ही निर्भर नहीं है बल्कि आसपास के दर्जन भर जनपद पंचायत एवं सैकड़ों ग्राम की आग बुझाने की जिम्मेदारी है। इनमें से एक भी वाहन अत्याधुनिक स्तर का नहीं है। ये वाहन सालों पुराने होने से कंडम श्रेणी के हो गए हैं।

संकरी गलियां तो सात मंजिला इमारत बड़ी चुनौती

निगम क्षेत्र में गुलाबरा, छोटा बाजार जैसे पुराने शहर की जैसी संकरी गलियां है तो कहीं सात मंजिला इमारतें आग बुझाने के रास्ते की चुनौतियां है। नगर निगम की ओर से ऊंची इमारतों व शहर के बड़े व्यावसायिक भवनों के लिए फायर एनओसी होना अनिवार्य किया है। फिर भी बड़े अग्नि काण्ड या हादसों को रोकने निगम के फायर फाइटर वाहनों की जरूरत है

अग्नि हादसे रोकने क्या है जरूरी

अग्नि काण्ड रोकने अग्निशमन विभाग में रेस्क्यू करने प्रत्येक फायरमैन को कम से कम फायर एंड सेफ्टी कोर्स से प्रशिक्षित होना चाहिए। फायर विभाग का कक्ष आरामदायक एवं सर्वसुविधा युक्त, हाइड्रोलिक सीढ़ी एवं आधुनिक उपकरणों से लैस वाहन, बिजली एवं पेट्रोल की आग को भी बुझाने वाले रसायनों की उपलब्धता भी होना चाहिए।

जनवरी से अब तक 142 अग्नि घटनाएं

निगम के रेकार्ड के मुताबिक एक जनवरी से अब तक शहर समेत आसपास के इलाकों में 142 अग्नि घटनाएं हो चुकी है। ज्यादातर खेत में नरवाई जलाने, शार्ट सर्किट से घरों व दुकान में आग पकडऩे की है। इनमें सबसे बड़ी जिला अस्पताल के सामने प्रसन्न गिफ्ट गैलरी की है, जिसे बुझाने में ही निगम की सांसे फूल गई थी। तत्काल चांद, न्यूटन चिखली, परासिया और अमरवाड़ा से चार अतिरिक्त वाहन बुलाने पड़े थे। इससे नगर निगम के इंतजाम की स्थिति समझ में आती है। इस दशा में निगम के फायर फाइटर सिस्टम को अपडेट करना जरूरी है।
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इनका कहना है…

नगर निगम के पास बड़े अग्नि हादसे रोकने के अपडेट संसाधनों के बारे में अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। साथ ही नए फायर फाइटर सिस्टम को लाने के प्रयास किए जाएंगे।
-धर्मेन्द्र सोनू मागो, अध्यक्ष नगर निगम।
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्रशहर में चल रहे गेमिंग जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही निगम की ओर से बिल्डिंग में फायर सिस्टम न लगानेवाले भवन मालिकों को 15 नोटिस दिए गए हैं। इसके साथ ही हम फायर फाइटर सिस्टम को अपडेट करने का प्रस्ताव शासन को भेजेंगे।
विवेक चौहान,सहायक यंत्री, नगर निगम।

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