युवाओं में काफी पॉपुलर है टैटू
आजकल टैटू (Tattoo) बनवाना खासकर युवाओं में काफी पॉपुलर है। ये लोग शरीर पर बनवाने के लिए कई तरह के डिजाइन चुनते हैं। लेकिन टैटू बनवाते समय ये बातें ध्यान देना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर टैटू (Tattoo) बिना किसी जानकारी वाले व्यक्ति से बनवाया जाए तो ये जोखिम और बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में इस्तेमाल की गई सुई संक्रमित हो सकती है जिससे हेपेटाइटिस बी, सी या HIV जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
लिंफोमा नाम का कैंसर होने का खतरा
हाल ही में स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने 11,905 लोगों पर स्टडी की। इस स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने टैटू (Tattoo) बनवाए थे उन्हें लिंफोमा नाम का कैंसर होने का खतरा ज्यादा था। खासकर उन लोगों में ये खतरा ज्यादा था जिन्होंने दो साल के अंदर पहला टैटू (Tattoo) बनवाया था। टैटू (Tattoo) की स्याही में पाए जाने वाले “पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन” (PAH) नाम का तत्व कैंसर पैदा कर सकता है। इसे शरीर बाहरी चीज समझ कर रोकने की कोशिश करता है। इस दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सक्रिय हो जाती है। टैटू की स्याही का कुछ हिस्सा स्किन से लिम्फ नोड्स तक पहुंच जाता है जहां ये जमा हो जाता है।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग ने भी टैटू (Tattoo) की स्याही के बारे में एक जांच की। इस जांच में पाया गया कि पैकेजिंग पर लिखी जानकारी और स्याही में मौजूद चीजों में फर्क था। 83% काली स्याही और 20% दूसरी स्याही में PAH पाया गया। इसके अलावा इन स्याही में मरकरी, बेरियम, कॉपर जैसी धातुएं और कई तरह के रंग भी मिले।
स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती
इन खतरनाक रसायनों से स्किन संबंधी समस्याएं से लेकर स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ये रसायन स्किन से लसीका प्रणाली में मिलकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकते हैं। इससे लीवर, ब्लैडर और खून का कैंसर होने का खतका बढ़ जाता है। भारत में अभी तक टैटू (Tattoo) की स्याही को लेकर कोई खास नियम नहीं हैं। इसलिए टैटू बनवाने से पहले सावधानी बहुत जरूरी है।