क्या है मामला: गौरतलब है कि टैफे भारत में ट्रैक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 1960 में मैसी फर्ग्यूसन इंडिया के अधिग्रहण के बाद पूरा क्षेत्र टैफे के अधीन है। टैफे (TAFE) ने 2012 में एजीसीओ (AGCO) कॉर्पोरेशन में शेयरधारिता हासिल की और इसका सबसे बड़ा शेयरधारक और रणनीतिक दीर्घकालिक निवेशक बन गया। इससे कंपनियों के बीच सहयोगात्मक संबंध मजबूत हुए तथा टैफे (TAFE) और एजीसीओ (AGCO) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे एजीसीओ (AGCO) को एक दशक से अधिक समय के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन मिला। टैफे का कहना है कि एजीसीओ की ओर से कॉर्पोरेट प्रशासन की खामियां, शेयरधारकों के साथ पूरी तरह से अपर्याप्त जुड़़ाव और ब्रांड उपयोग के संबंध में विवादास्पद सलाह देने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जबकि एजीसीओ की वैश्विक ब्रांड वेबसाइट ने छह दशकों से भारत, नेपाल और भूटान के सन्दर्भ में मैसी फर्ग्यूसन का कोई उल्लेख नहीं किया है। टैफे (TAFE) ने 2012 में एजीसीओ (AGCO) कॉर्पोरेशन में शेयरधारिता हासिल की और इसका सबसे बड़ा शेयरधारक और रणनीतिक दीर्घकालिक निवेशक बन गया। इससे कंपनियों के बीच सहयोगात्मक संबंध मजबूत हुए तथा टैफे (TAFE) और एजीसीओ (AGCO) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे एजीसीओ (AGCO) को एक दशक से अधिक समय के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन मिला।