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इस जिले में खून की भारी कमी, 450 की क्षमता में सिर्फ बारह यूनिट, भटक रहे लोग

Shortage of blood in Katni district

कटनीAug 21, 2024 / 10:00 pm

balmeek pandey

Shortage of blood in Katni district

कटनी. जिले में रक्तदान के प्रति लोगों में बढ़ रही जागरूकता के बाद भी जिला अस्पताल के रक्तबैंक में खून की कमी है। कई बार जरूरतमंद मरीजों के लिए भी रक्त का प्रबंध मुश्किल हो रहा है। ब्लड बैंक की क्षमता 450 यूनिट की है, लेकिन इस समय ब्लड बैंक में सिर्फ 11 यूनिट ही खून बचा है। आलम यह है चार ब्लड गु्रप ऐसे है जिसका ब्लड का स्टॉक खत्म हो गया है। जबकि यहां पर रोजाना चार से पांच यूनिट रक्त की खपत है। ऐसे में यहां पर आने वाले जरूरतमंद मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में प्रसूताओं के लिए भी रक्त की कमी होने के कारण समस्या खड़ी हो गई है।
जानकारी के अनुसार बारिश और उमस के इस मौसम में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। हादसे के मरीज आते रहते हैं, जिन्हें ब्लड की जरूरत भी पड़ती रहती है, ऐसे में इतनी कम मात्रा में ब्लड का नाकाफी है। वर्तमान में जिला अस्पताल के ब्लड में सारी सुविधाएं हैं, जिसमें ब्लड जांच, ब्लड स्टोरेज की भी व्यवस्था है। लैब टेक्नीशियन ने बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में ब्लड की यही स्थिति है वहीं नेगेटिव की मात्रा कम है तो जब किसी मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ती है तो हमारे पास में रक्तदाताओं की लिस्ट है उन्हें हमारी ओर से फोन कर बुला लिया जाता है और रक्त उपलब्ध करवा दिया जाता है।
तीन जिलों के मरीज पहुंचते है अस्पताल
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल परिसर में जिले का एकमात्र ब्लड बैंक स्थित है। जिला अस्पताल में आसपास के जिले उमरिया व पन्ना से भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते है। जिले की सीमा से लगे गांवों से गर्भवती महिलाओं को यहां लाकर भर्ती कराया जाता है। प्रसव के बाद खून की कमी के चलते ब्लड बैंक से ही ब्लड उपलब्ध कराया जाता है।
ब्लड गु्रप मौजूदा यूनिट
ए पॉजिटिव 03
ए निगेटिव 00
बी पॉजिटिव 06
बी निगेटिव 02
ओ पॉजिटिव 00
ओ निगेटिव 01
एबी पॉजिटिव 00
एबी निगेटिव 00

चार गु्रप का ब्लड स्टॉक में ही नहीं
ब्लड बैंक के टेक्नीशियन ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 12 यूनिट ब्लड ही शेष बचा है। जबकि बैंक की क्षमता 300 यूनिट तक ब्लड स्टोरेज करने की है। ए निगेटिव, ओ पॉजिटिव, एबी पॉजिटिव व एबी निगेटिव ब्लड स्टॉक में नहीं है। इसके अलावा ए पॉजिटिव 3, बी पॉजिटिव 6, बी निगेटिव 2 व ओ निगेटिव सिर्फ 1 यूनिट बचा हुआ है।
ब्लड डोनर के देना होता ब्लड
ब्लड बैंक में ब्लड की कमी का कारण यह भी होता है कि कुछ पेशेंट्स ऐसे होते हैं, जिनके पास डोनर नहीं होते। ऐसे में उन्हें बिना डोनर से डोनेट कराए ही ब्लड देना होता है। यह समस्या एचआईवी पीडि़त, पे्रग्नेंट महिला, थैलेसीमिया मरीज के साथ आती है, जिनके पास कोई ब्लड डोनेट करने वाला नहीं होता, किंतु उन्हें ब्लड लेना होता है। ऐसी स्थिति में ब्लड की कमी हो जाती है। अगर कोई रेयर गु्रप का मरीज होता है तो उसे ब्लड मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
रक्तदान को लेकर जगरूकता की कमी
ग्रामीण इलाकों में रक्तदान को लेकर अलग सोच बन गई है। वहां के लोगों का कहना है कि रक्तदान से कमजोरी आती है तथा अन्य समस्याएं भी सामने आती हैं। इसकी वजह से वे ब्लड डोनेट करने से बचते हैं। अगर कोई ब्लड डोनेट करता है तो उसे भी रोकते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर शिविर भी लगाए जाते हैं। उसके बावजूद जागरूकता नहीं आ पा रही।
इनका कहना
पे्रग्नेंट महिला व थैलेसीमिया मरीज को बिना डोनर ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। कोई ब्लड का ग्रुप नहीं होता तो मरीज के परिवार के सदस्यों को मोटिवेट करने का प्रयास करते हैं और अगर वो नहीं मानते हैं तो किसी वॉलेंटियर या फिर गु्रप से संपर्क कर रक्त की उपलब्धता करवाई जाती है।
डॉ. मोहित श्रीवास्तव, ब्लड बैंक प्रभारी, जिला अस्पताल

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