कॉलेज की डीन डॉ. दीप्ती शाह ने बताया कि गत 21 मई को चार जूनियर चिकित्सक और उनके परिजनों की ओर से शिकायत की गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 22 मई (गत बुधवार को) कॉलेज कमेटी की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें अस्पताल के सभी विभागाध्यक्षों को शामिल किया गया। इस दौरान जूनियर और सीनियर चिकित्सकों की बातें भी सुनी गईं थीं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की रैगिंग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कॉलेज कमेटी ने चारों ही चिकित्सकों को निलंबित कर दिया।
एक चार टर्म, दो को 15 दिन के लिए किया निलंबित
डीन ने बताया कि निलंबित किए गए रेसिडेंट चिकित्सकों में डॉ. व्रज वाघाणी पीजी रेसिडेंट (तीसरा वर्ष) को दो वर्ष अर्थात चार टर्म के लिए निलंबित किया गया है। डॉ. शिवानी पटेल को एक वर्ष (दो टर्म) के लिए निलंबित किया। जबकि डॉ. करण पारजिया और डॉ. अनेरी नायक को 15-15 दिन के लिए निलंबित किया गया है। इस मामले में की गई निलंबन की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। चारों पर आरोप लगाए गए हैं उसके बावजूद भी कुछ को सिर्फ 15 दिन के लिए ही निलंबित किया है।
कई दिनों तक नहाने नहीं देते, सैकड़ों बार लिखवाते थे प्रिस्क्रिप्शन
सूत्रों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के चारों ही चिकित्सकों पर आरोप था कि वे अपने जूनियर चिकित्सकों को तरह-तरह से परेशान करते थे। कई बार तो मरीज की दवाइयों के प्रिस्क्रिप्शन को 500 से 600 बार तक लिखवाया जाता था। शिकायत में यह भी बताया गया था कि उन्हें सप्ताह तक नहाने के लिए भी मना कर दिया जाता था। इसके अलावा व्यवहार भी ठीक तरह से नहीं किया जाता था।