शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करने सहित एक प्रमुख मील का पत्थर स्थापित करने के मकसद से सरकार एचएएल के पास बैयप्पनहल्ली में एनजीइएफ की जमीन पर 250 मीटर ऊंची गगनचुंबी इमारत बनाना चाहती है। लेकिन, HAL Airport नजदीक होने के कारण रक्षा मंत्रालय और वायु सेना ने आपत्ति दर्ज की है। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) अब इस परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थान तलाशने में जुट गया है।
उच्च न्यायालय ने भी विमान सुरक्षा के लिए एचएएल हवाई अड्डे के पास Skyscraper बनाने पर आपत्ति जताई है और अधिकारियों को नई साइटें खोजने का निर्देश दिया है। ऐसे में बीबीएमपी की नजर अब कोम्मघट्टा, ज्ञानभारती और सोमपुर पर है, लेकिन परियोजना की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक उपयुक्त स्थान को अंतिम रूप देने में उसे संघर्ष करना पड़ रहा है। गगनचुंबी इमारत बनाने के लिए पर्याप्त 20-25 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है, जो Bengaluru जैसे घनी आबादी वाले शहर में एक चुनौती है।
परियोजना में विभिन्न वाणिज्यिक गतिविधियां शामिल हैं, जिसके लिए एक बड़े क्षेत्र की आवश्यकता होती है। अधिकारी सक्रिय रूप से एक ऐसे स्थान की तलाश कर रहे हैं, जो भूमि सहित सभी परियोजना आवश्यकताओं को पूरा करता हो।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी ऊंचा 250 मीटर ऊंचा Skyscraper अस्तित्व में आते ही यह Statue of Unity (182 मीटर) को पीछे छोड़ देगा। पर्यटन के मामले में इसे Eiffel Tower या Statue of Liberty जैसी प्रतिष्ठित संरचनाओं से जोड़ कर देखा जा रहा है।
बीबीएमपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत आगंतुकों को केवल एक देखने के क्षेत्र से कहीं अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें एकीकृत वाणिज्यिक गतिविधियां, मनोरंजन, रेस्तरां और पार्किंग सुविधाएं शामिल होंगी। देखने के क्षेत्र तक पहुंचने के लिए आगंतुकों से शुल्क लिया जाएगा।
परियोजना को आगे बढ़ाने के प्रयास जारी एक अन्य अधिकारी के अनुसार आपत्तियों के कारण परियोजना की प्रगति में बाधा उत्पन्न हुई है। समस्याओं को हल करने और परियोजना को आगे बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
गगनचुंबी इमारत परियोजना शहर के लिए एक प्रतिष्ठित परियोजना है। अधिकारी इसे जल्द से जल्द पूरा करने के इच्छुक हैं। इस परियोजना से शहर में एक मील का पत्थर बनने की उम्मीद है तथा इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।