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सफेद हाथी बन रहा ऑक्सीजन प्लांट

सूरतगढ़. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व ट्रोमा सेंटर मे रोगियों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के लिए बीसीएमओ कार्यालय के पास स्थापित ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बनकर रह गया है। कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की मांग बढऩे की वजह से श्रीगंगानगर जिले में सात ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए। इसमें से सूरतगढ़ सीएचसी का ऑक्सीजन प्लांट करीब एक साल से उपकरणों के खराबी की वजह से बंद पड़ा है। यहां सबसे खास बात यह है कि ऑक्सीजन प्लांट में गैस स्टोरेज की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में सीएचसी व ट्रोमा सेंटर में आपातकाल के समय मरीजों के लिए ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर खरीदने पड़ते हैं।

श्री गंगानगरJul 26, 2024 / 06:02 pm

Jitender ojha

सूरतगढ़. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व ट्रोमा सेंटर मे रोगियों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के लिए बीसीएमओ कार्यालय के पास स्थापित ऑक्सीजन प्लांट सफेद हाथी बनकर रह गया है। कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की मांग बढऩे की वजह से श्रीगंगानगर जिले में सात ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए। इसमें से सूरतगढ़ सीएचसी का ऑक्सीजन प्लांट करीब एक साल से उपकरणों के खराबी की वजह से बंद पड़ा है। यहां सबसे खास बात यह है कि ऑक्सीजन प्लांट में गैस स्टोरेज की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में सीएचसी व ट्रोमा सेंटर में आपातकाल के समय मरीजों के लिए ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर खरीदने पड़ते हैं।
कोरोनाकाल दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत अचानक बढ़ गई थी तथा ऑक्सीजन के अभाव में कई मरीजों की सांसों की डोर भी थम गई थी। राज्य सरकार के नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत शासन विभाग ने राज्य के 84 शहरों के 128 राजकीय मेडिकल कॉलेजों व राजकीय चिकित्सा संस्थाओं में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आदेश जारी किए। इसके तहत सूरतगढ़ नगरपालिका की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ऑक्सीजन प्लांट मय ऑक्सीजन पाइप लाइन व कमरा निर्माण कार्य का शिलान्यास 15 जुलाई 2021 को हुआ। श्रीगंगानगर जिले में जिला मुख्यालय में तीन ऑक्सीजन प्लांट, सादुलशहर, करणपुर,पदमपुर चिकित्सालय में स्थापित एक-एक ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में हैं। जबकि सूरतगढ़ सीएचसी में लगा ऑक्सीजन प्लांट करीब एक साल से तकनीकी खामियों से बंद पड़ा है। इसमें एयर कंप्रेसर यूनिट, रेफ्रिजरेटर यूनिट, दो एयर फिल्टर एयर रिसीवर यूनिट, ऑक्सीजन एनालाइजर मीटर खराब पड़ा है तथा प्रेशर पाइप सर्ज टैंक टू पीएसए टॉवर लीकेज कर रही है। वर्तमान में ऑक्सीजन प्लांट की 120 एमएम की विद्युत तार भी खराब हो गई।
ऑक्सीजन प्लांट पर करीब 35 लाख रुपए व ऑक्सीजन पाइप लाइन फिटिंग व अन्य कार्यों पर करीब 17 लाख रुपए व्यय हुए। ऑक्सीजन प्लांट में जयपुर से आए उपकरण लगाए गए। ऑक्सीजन प्लांट के पीछे 125 केवी का जनरेटर भी लगाया हुआ है। ऑक्सीजन प्लांट में प्रतिदिन करीब पचास गैस सिलेण्डर भरने की क्षमता निर्धारित है। लेकिन स्टोरेज टैंक में गैस सिलेण्डर भराव की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से सीएचसी व ट्रोमा सेंटर में गैस की सप्लाई के लिए पाइपें लगाई हुई है। इसके तहत ट्रोमा सेंटर में 25, सीएचसी के मेल वार्ड व फिमेल वार्ड में 10-10, लेबर रुम व जेएसवाई में 14,ऑटी व एमओटी में 5 प्वांइट लगाए हुए हैं।
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कंसन्ट्रेटर मशीन व ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर उपलब्ध

कोरोनाकाल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों की संख्या बढऩे सेे स्वास्थ्य विभाग व समाजसेवी संस्थाओं व दानदाताओं ने कंसन्ट्रेटर मशीनों मरीजों के लिए उपलब्ध करवाई। वर्तमान में सीएचसी के पास करीब ३२ ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीनें उपलब्ध है। वही सीएचसी को एक माह के लिए करीब बीस ऑक्सीजन सिलेण्डरों का स्टॉक रखना पड़ता है। प्रत्येक ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर करीब तीन सौ से अधिक रुपए की लागत आ रही है।

कई बार लीक हो चुकी है पाइपें

ऑक्सीजन प्लांट में कई बार ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगी पाइपें लीकेज कर चुकी है। इस वजह से ऑक्सीजन प्लांट के उपकरणों की कम्पनी के तकनीकी कर्मी जयपुर से पाइपों को दुरुस्त करने के लिए भी आ चुके हैं। ऑक्सीजन प्लांट में तैयार हुई ऑक्सीजन गैस का इस्तेमाल समय पर नहीं होने की स्थिति में ऑक्सीजन अपने आप उड़ जाती है। नियमानुसार ऑक्सीजन प्लांट को नियमित रुप से चौबीस घंटे चलाना चाहिए। लेकिन मरीजों की संख्या कम होने व स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने से प्रतिदिन कुछ घण्टों के लिए ही प्लांट को चालू रखा जा रहा है।
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आईसीयू वार्ड बने तो नियमित रुप से ऑक्सीजन प्लांट की उपयोगिता बढ़ सकेगी

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ट्रोमा सेंटर में आईसीयू वार्ड बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए विधायक कोटे से बीस लाख रुपए के दो वेंटीलेंटर खरीदने की अनुशंषा भी हुई थी। लेकिन आईसीयू वार्ड के लिए स्टाफ व संसाधनों की कमी की वजह से आईसीयू वार्ड बनाने का प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका। वही, नेशनल हाइवे होने की वजह से क्षेत्र में सडक़ हादसे बढ़ते जा रहे हैं। घायलों को राहगीरों व आपाताकालीन सेवा १०८ की मदद से यहां ट्रोमा सेंटर में इलाज के लिए लाया जाता है। मगर मरीजों की जान बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से ट्रोमा सेंटर रेफर करने का सेंटर बन चुका है।

करवाया जा चुका है अवगत

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. नीरज सुखीजा ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी खामियों की वजह बंद पड़ा है। इसे चालू करवाने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन स्टोरेज की सुविधा नहीं होने से भी सीएचसी में ऑक्सीजन सिलेण्डरों की व्यवस्था उपलब्ध की गई है।सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला ने बताया कि कोरोना की भयावह स्थिति के मद्देनजर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया था। श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ को छोडक़र छह स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट चालू है। सूरतगढ़ सीएचसी के ऑक्सीजन प्लांट की तकनीकी खामियों को दूर कर शीघ्र ही चालू करवाएंगे।

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