झालावाड़.अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करो और पांच साल बाद पेनल्टी भरो। कॉलेज चलाओ। निजी कॉलेज संचालकों की यह नीति अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी। क्योंकि सुविधाएं देने के बजाय धन से उच्च शिक्षा ग्रहण करा रहे निजी कॉलेज संचालकों पर अब लगाम कसने की तैयारी शुरू हो गई है। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने निजी महाविद्यालय नीति 2021-22 के बिन्दु संख्या 31.2.2 में बदलाव किया है। आदेश के तहत प्रदेश के अस्थाई एनओसी प्राप्त करने के बाद लंबे समय से संचालित निजी कॉलेजों को सत्र 2025-26 तक स्थाई प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर आयुक्तालय ने संबंधित निजी कॉलेजों की एनओसी क्रमिक रूप से निरस्त करने का निर्णय किया है। क्योंकि कई निजी कॉलेज एक बार अस्थाई प्रमाण पत्र लेने के बाद स्थाई एनओसी के लिए मापदंड पूरे नहीं कर रहे हैं। उन्हें स्थाई एनओसी जारी नहीं हो रही है और वह प्रति वर्ष पेनल्टी राशि जमा करवाकर कॉलेज संचालन के लिए संजीवनी रूपी अनुमति लेकर काम निकाल रहे है। झालावाड़ जिले में वर्तमान में आधा दर्जन से अधिक निजी कॉलेज संचालित है, वहीं प्रदेशभर की बात करें तो प्रदेश में वर्तमान में 1895 निजी कॉलेज संचालित हैं। एक अनुमान के अनुसार करीब बीस प्रतिशत कॉलेज अब भी पेनल्टी की ऑक्सीजन पर चल रहे हैं।
ये है स्थाई एनओसी के प्रावधान- आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के निजी कॉलेजों को स्थाई एनओसी जारी करने के लिए मापदंड तय किए हैं। इसके अनुसार संस्थान की स्वयं की भूमि शैक्षिक प्रयोजनार्थ रूपांतरित, भवन, भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, पुस्तकालय, वाचनालय, सभागार, शौचालय, खेल मैदान, यूजीसी की ओर से निर्धारित मापदंड अनुसार प्राचार्य एवं शैक्षिक स्टाफ, बैंक से वेतन भुगतान के दस्तावेज, पीएफ,ईएसआई के साथ ही गत सत्रों का परीक्षा परिणाम एवं कॉलेज की सभी सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी व अन्य प्रावधान पूरे करने होंगे। ऐसे सभी निजी महाविद्यालयों को इसी सत्र 2024-25 में सभी अनिवार्यताएं पूरी करनी होंगी। वरना दशकों से चल रहे कॉलेज बंद होने की आशंका है।
5 साल बाद यह है पेनल्टी का प्रावधान 6 वर्ष : 2.50 लाख
7 वर्ष : 3 लाख
8 वर्ष :3.50
9 वर्ष : 4 लाख
10 वर्ष :4.50 लाख
अब नहीं चलेगा जुर्माने से काम – प्रथम अस्थाई एनओसी प्राप्त करने के बाद पांच वर्ष में स्थाई एनओसी के मापदंड पूरे नहीं करने पर छठे वर्ष से पेनल्टी का प्रावधान है। इसमें प्रति वर्ष 50 हजार रुपए की बढ़ोतरी की जाती है पर अब यह सत्र 2023.24 एवं 2024.25 तक चलेगा। इसके बाद स्थाई एनओसी के मापदंड पूरे नहीं होने पर जुर्माने से काम नहीं चल पाएगा।
शर्तो में काफी बदलाव किया- कॉलेज आयुक्तालय ने निजी कॉलेजों के संचालन के लिए स्थाई एनओसी की शर्तो में काफी बदलाव किया है। अब नए नियमों को पूरा करना जरुरी होगा।अस्थाई एनओसी प्राप्त करने के बाद लंबे समय से संचालित निजी कॉलेजों को सत्र 2025-26 तक स्थाई प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा।
डॉ.गीता राम शर्मा, क्षेत्रीय सहायक निदेशक, कॉलेज आयुक्तालय, कोटा