scriptMonsoon Update : देश के ज्यादातर हिस्सों में सक्रिय हुआ मानसून, IMD ने 29 जुलाई तक जारी किया डबल अलर्ट | Monsoon becomes active in most parts of the country, IMD issues Red Yellow And Orange alert till July 29 | Patrika News
समाचार

Monsoon Update : देश के ज्यादातर हिस्सों में सक्रिय हुआ मानसून, IMD ने 29 जुलाई तक जारी किया डबल अलर्ट

Weather Alert : पिछले 4 दिन से तेज बारिश के चलते वडोदरा, भरूच, सूरत और आणंद समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गुजरात में बारिश से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

नई दिल्लीJul 26, 2024 / 09:29 am

Anand Mani Tripathi

देश के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय होने से भारी बारिश हो रही है। कहीं भूस्खलन ने रास्ते रोक दिए तो कहीं रेल, सडक़ और हवाई सेवा ठप हो गई। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में खूब बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अगले 4 दिनों तक मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 25 से 26 जुलाई, हरियाणा और चंडीगढ़ में 26-27 जुलाई, पश्चिम राजस्थान में 25, 26 और 29 जुलाई को बहुत भारी बारिश हो सकती है। राजधानी दिल्ली में अगले तीन दिन मध्यम बारिश का अनुमान है।

महाराष्ट्र : मुंबई-पुणे हमें हालात बदतर

भारी बारिश ने मुंबई को जैसे ब्रेक लगा दिए हैं। भारी बारिश के चलते रेल, बस और हवाई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा है। जुलाई में अब तक यहां 1500 मिमी बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर पुणे में भी रातभर हुई बारिश के बाद हालात बदतर हो गए। स्कूल बंद रहे और लोगों की मदद के लिए नावों को तैनात किया गया है। शहर में चार लोगों की करंट से मौत हो गई। फायर ब्रिगेड, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें कई इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

गुजरात : 8 लोगों की मौत

गुजरात में पिछले 4 दिन से तेज बारिश के चलते वडोदरा, भरूच, सूरत और आणंद समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गुजरात में बारिश से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

पूर्वोत्तर में बारिश की संभावना घटी, जबकि राजस्थान और सौराष्ट्र में बढ़ी

देश में 2002 में एक राडार था, अब 39 हैं और अगले दो वर्षों में 70 राडार लगाने की योजना है, जिससे मौसम की भविष्यवाणी और भी ज़्यादा सही होगी। देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून सक्रिय है तो कुछ हिस्से अब भी वंचित हैं। क्या ये मानसून और मौसम के पैटर्न में बदलाव का नतीजा है। जानते हैं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजन महापात्र से…
सवाल-इस साल मानसून कैसा रहने वाला है?

उत्तर-इस वर्ष मानसून सामान्य है। हमारा पूर्वानुमान है कि सितंबर अंत तक पूरे देश में औसत अच्छी बारिश होगी।

सवाल- किसानों, व्यवसायियों और आमजन के लिए आइएमडी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है?
उत्तर-देश 60 फीसदी कृषि पर निर्भर है। 70 फीसदी बारिश मानसून में ही होती है। यहां किसान और उद्योग धंधे बारिश पर आश्रित हैं। प्राचीन काल से हमारा रहन-सहन सब मौसम से जुड़े हुए हैं। 80 फीसदी से अधिक प्राकृतिक आपदाएं मौसम से आती हैं। मौसम की पूर्व जानकारी मिलने से समय रहते इंतजाम किए जा सकते हैं। पूर्वानुमान से न केवल नुकसान से बचा जा सकता है, बल्कि इसका ज्यादा लाभ उठा सकते हैं। इसमें आइएमडी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सवाल-मौसम विभाग की खास उपलब्धियों के बारे में क्या कहेंगे?

उत्तर-मौसम विभाग की जानकारी से आज बहुत सुधार हुआ हैं। चक्रवात आते थे तो हजारों,लाखों की संख्या में जनहानि होती थी जो कि अब न के बराबर है। पहले पंजिका देखकर हम मौसम की जानकारी देते थे और आज किसान भाई मौसम ऐप पर इसकी जानकारी रखते हैं। इससे सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है।
सवाल- मौसम के बारे में वैदिक व पारंपरिक ज्ञान कितना वैज्ञानिक है?

प्राचीन काल से मौसम के पूर्वानुमान लगाने की विधा रही है, जो आज तकनीकी विकास से और ज्यादा वैज्ञानिक हो गई है। इससे इसकी भविष्यवाणी में एक्यूरेसी आ गई। वृहदसंहित में जलचक्र वैसा ही है, जैसा आज पढ़ाया जाता है। इससे पहले ऋग्वेद, यजुर्वेद और चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी इसका उल्लेख मिलता है।
सवाल- आइएमडी को भविष्यवाणी को कितना सटीक मानते हैं?

उत्तर-बड़े पैमाने पर जैसे साइकलोन, भारी वर्षा , हीटवेव, तूफान की भविष्यवाणी ज़्यादा अच्छी है, लेकिन सामान्य मौसम का और बेहतर अनुमान करने के लिए प्रयास जारी हैं। क्लाइमेंट चेंज का भी एक कारण है जो इसे एक्यूरेट नहीं होने देता।
सवाल-मानसून पैटर्न के बदलाव से उससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो रही है?

उत्तर-क्लाइमेंट चेंज से सामाजिक आर्थिक बहुत से बदलाव हो रहे हैं। कृषि भी प्रभावित हो रही है। देश में सौ साल में औसत वर्षा में बदलाव नहीं हुआ। देश के अलग-अलग हिस्सों की बात करें तो उतर पूर्वी भारत में बारिश की संभावना कम हो रही है, जबकि पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ में बारिश की संभावना बढ़ रही है। यह क्लाइमेंट चेंज से ही है। मानसून में बारिश का डिस्ट्रीब्यूशन बराबर नहीं हो रहा। अचानक कुछ देर में तेज बारिश फिर कई दिनों तक सूखा, फिर अचानक बारिश। इसमें तेज बारिश के दिन बढ़े हैं और सावन में हल्की फुवार वाली बारिश (झड़ी) कम हो रही है। कम समय में तेज बारिश से बाढ़, बादल फटने जैसी घटनाएं बढ़ जाती है, वहीं उपजाऊ मिट्टी भी विस्थापित हो जाती है और पानी बहकर चला जाता है जिससे कि भू जल भी रीचार्ज नहीं हो पाता ।

Hindi News/ News Bulletin / Monsoon Update : देश के ज्यादातर हिस्सों में सक्रिय हुआ मानसून, IMD ने 29 जुलाई तक जारी किया डबल अलर्ट

ट्रेंडिंग वीडियो