– कलेक्टर-एसपी पहुंचे केसली देवरी विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया ने बताया कि मैं खुद तीन दिन से केसली थाना प्रभारी को फोन लगा रहा था, लेकिन वह हर बार कानून बताने लगता। पुलिस ने जब विधायक की नहीं सुनी तो मजबूरी में रात को केसली पहुंचना पड़ा। वहां जाकर बात की तो थाना प्रभारी फिर नियम-कायदे बताने लगे, जिसके बाद मैंने विधायकी से इस्तीफा दिया और वहीं समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गया। सत्ताधारी दल के विधायक के पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठने और इस्तीफा देने की बात पता चलते ही हड़कंप की स्थिति बन गई। विधायक पटेरिया ने बताया कि देर रात कलेक्टर संदीप जीआर, एसपी विकास कुमार शाहवाल सहित एएसपी, एसडीएम सब केसली आए तब कहीं जाकर रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर पर एफआइआर दर्ज हो सकी।
– इस्तीफा मिलते ही सीएम, प्रदेश अध्यक्ष सक्रिय हुए विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया का इस्तीफा कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कुछ ही देर में यह बात हवा की तरह फैली तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने रात में ही विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया से बात की और उन्हें इस्तीफा न देने के लिए कहा। पटेरिया ने बताया कि सभी का कहना था कि इससे पार्टी की छवि पर असर आएगा। हालांकि डॉक्टर पर मामला दर्ज होने के बाद पटेरिया ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
– यूनियन को पहले मामला समझना चाहिए डॉक्टर पर एफआइआर दर्ज होने के बाद उनके यूनियन ने विरोध शुरू कर दिया है। इसको लेकर विधायक पटेरिया का कहना है कि कुछ दिनों से यह देखने में आ रहा है कि डॉक्टर के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाता है तो उनका यूनियन सक्रिय हो जाती है। यह अच्छी बात है कि आप अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हो, लेकिन यूनियन के पदाधिकारियों को खुद के स्तर पर एक बार हकीकत तो पता कर लेना चाहिए।
– यह है मामला केसली थाना के के मेंढकी गांव में सांप काटने से करीब 28 दिन पहले एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। मृतक के पोते रोहित यादव ने आरोप लगाया कि केसली स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. दीपक दुबे ने मृतक का पोस्टमार्टम किया, लेकिन वह पीएम रिपोर्ट में सर्पदंश की बात लिखने के नाम पर 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। परेशान होकर मैं डॉक्टर की शिकायत करने पुलिस थाने गया तो वहां भी सुनवाई नहीं हुई। मामले में विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया ने भी पुलिस से संपर्क किया, जब पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी तो विधायक पटेरिया गुरुवार रात करीब 9.30 बजेे थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे।
– पूरी पार्टी मेरे साथ मेरा कहना यह था कि जब निर्वाचित सांसद-विधायक पर मामला दर्ज हो सकता है तो शासकीय डॉक्टर की गलती पर एफआइआर क्यों नहीं हो सकती। विधायक पद की गरिमा को देखते हुए ही मैंने धरने पर बैठने से पहले पद से इस्तीफा दिया था। मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, हमारे जनप्रतिनिधि समेत पूरी पार्टी मेरे साथ है।
ब्रजबिहारी पटेरिया, विधायक, देवरी – एफआइआर दर्ज थाना प्रभारी को हटाया है केसली में हुए घटनाक्रम की जानकारी देर रात लगी थी, तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए डॉक्टर के ऊपर रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया और थाना प्रभारी को भी लाइन हाजिर करते हुए छुट्टी पर भेज दिया है।
विकास कुमार शाहवाल, एसपी