अलवर लोकसभा क्षेत्र की 8 में से 5 विधानसभा सीटों पर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। विधानसभा चुनाव में मुंडावर से ललित यादव ने सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उस दौरान 33 हजार वोट ज्यादा पाए थे। इस बार 65807 वोटों से ही सब्र करना पड़ा, जबकि भाजपा के भूपेंद्र यादव ने यहां से 69649 वोट मिले। इस तरह भाजपा यहां से 3842 वोट ज्यादा ले गई।
विधानसभा चुनाव का भाजपा ने लिया बदला किशनगढ़बास से कांग्रेस के दीपचंद खैरिया विधायक हैं। वे करीब 11 हजार वोटों से जीते थे। लोकसभा चुनाव में करीब इतने ही वोटों के अंतर से भूपेन्द्र ने ललित यादव को हराया है। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव की हार का बदला यहां से कांग्रेस से ले लिया है। यहां भाजपा को 85433 वोट मिले। कांग्रेस 74926 वोट से संतोष करना पड़ा। हालांकि कांग्रेस ने अलवर ग्रामीण, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ व रामगढ़ से भाजपा से ज्यादा वोट पाए हैं।
शहर सीट का हाल अलवर शहर सीट से भूपेंद्र पर ज्यादा विश्वास अलवर शहर सीट से भाजपा के भूपेंद्र यादव को 103363 वोट मिले। कांग्रेस के ललित यादव को 50840 वोट मिले। भाजपा को 52523 वोटों ज्यादा मिले। भूपेंद्र पर शहर के मतदाताओं ने ज्यादा भरोसा किया, जबकि विधायक संजय शर्मा खुद करीब 9 हजार वोटों से जीते थे। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जो वोट मिले थे, उनमें से 25 प्रतिशत टूट कर भाजपा के पाले में आए। भूपेंद्र को सांसद बनाने में शहर का ही योगदान रहा। अन्यथा परिणाम कुछ अलग हो सकते थे। मालूम हो कि भाजपा ने बहरोड़, तिजारा से भी कांग्रेस से ज्यादा वोट लिए हैं।