टैक्स फ्री करने अर्थ समझे
किसी भी राज्य में अगर कोई मूवी को टैक्स फ्री किया जाता है तो इसका मतलब होता है कि वह राज्य मूवी की टिकट पर लगने वाले एसजीएसटी (SGST) को माफ कर रहा है। इसमें 100 रुपए तक के टिकट पर 12 प्रतिशत और इससे ज्यादा के टिकट पर 18 प्रतिशत का टैक्स है, जो आधा-आधा दोनों राज्य और केंद्र में बंट जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर टिकट का बेस प्राइस 400 रुपए का है तो सभी टैक्स लगाकर टिकट 464 रुपए का पड़ेगा। वहीं टैक्स फ्री होने पर टिकट 436 रुपए देने होंगे और दर्शकों के 36 रुपए बचेंगे। यह भी पढ़े – मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री होगी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, कम हो जाएंगे टिकट के पैसे किसका फायदा किसका नुकसान?
इसका सबसे बड़ा फायदा दर्शकों को ही होता है। क्योंकि टिकट कुछ रुपए सस्ती हो जाती है। इसके अलावा इसका फायदा फिल्म के मेकर्स खासकर प्रोड्यूसर को होता है, क्योंकि फिल्म सस्ती होने से ज्यादा मात्रा में दर्शक अपने परिवार के साथ फिल्म देखने सिंगल स्क्रीन या बड़े मल्टीप्लेक्स में जाते हैं। इससे फिल्म को ज्यादा कलेक्शन होगा। राज्य सरकारें उन्हीं फिल्मों को टैक्स फ्री करती हैं, जो समाज के नाम कोई संदेश देती हैं या जिनमें किसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक सामाजिक तथ्यों को दिखाया जाता है। हालांकि, किसी भी मूवी को टैक्स फ्री करने से राज्य सरकार को राजस्व हानि होती है। अगर मूवी बड़ी हिट साबित हुई तो उन्हें बड़ा घाटा भी हो सकता है।
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मध्य प्रदेश में कश्मीर फाइल्स, द केरल स्टोरी, पैडमैन, 83, आदिपुरुष आदि को टैक्स फ्री किया गया था लेकिन क्या आपको पता है एमपी में टैक्स फ्री होने वाली फिल्म कौन-सी थी? यह फिल्म थी साल 1974 आई ‘रोटी कपड़ा और मकान’। इसका निर्देशन अभिनेता और डायरेक्टर मनोज कुमार ने किया था। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी ने इसके सामाजिक संदेश और गरीबी, बेरोजगारी और संघर्षों के विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के कारण इस मूवी को ‘टैक्स फ्री’ घोषित किया था।