scriptकिड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 7 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां | Kids Corner: Look at the picture, write a story 7 …. Interesting stories written by children | Patrika News
समाचार

किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 7 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

किड्स कॉर्नर: बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

जयपुरNov 28, 2024 / 01:40 pm

sangita chaturvedi

किड्स कॉर्नर: बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

Created with GIMP

परिवार परिशिष्ट (20 नवंबर 2024) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 7 में भेजी गई कहानियों में गाम्या मील, विशाखा शर्मा और गहना बाबरीवाल क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे। इनके साथ सराहनीय कहानियां भी दी जा रही हैं।
प्यारे दोस्त
जंगल के एक छोटे स्कूल में एक शर्मीला हाथी शक्ति, चंचल खरगोश मिंटू , एक मजबूत भालू दानु और एक शक्तिशाली बंदर टोपा पढ़ते थे। वे अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे। जल्द ही उनकी सालाना परीक्षा आने वाली थी। शक्ति गणित में कमजोर था। मिंटू अंग्रेजी, दानु विज्ञान और टोपा इतिहास में। अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्होंने एक-दूसरे की मदद करने का फैसला किया। मिंटू ने अपने तेज दिमाग से शक्ति को गणित पढ़ाया। दानु ने अपनी ताकत से टोपा को इतिहास की दिलचस्प कहानियां सुनार्इं। टोपा ने अपनी तेज बुद्धि से मिंटू को अंग्रेजी पढ़ाई और शक्ति ने अपने शांत स्वभाव से दानु को विज्ञान समझाया। परीक्षा के दिन वे सभी परीक्षा के कमरे में गए। परीक्षा थोड़ी कठिन थी, लेकिन उन्होंने एक-दूसरे को हौसला दिया और सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की। परीक्षा के नतीजे आने पर सभी ने अच्छे अंक हासिल किए। वे बहुत खुश थे और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय एक-दूसरे की मदद और दोस्ती को दिया।
गाम्या मील, उम्र- 8 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………..

सच्ची मित्रता
एक समय में हाथी, बंदर और भालू सभी अच्छे मित्र थे। वह सब जंगल के एक विद्यालय में जाते थे। जब भी वह विद्यालय से लौटते, तब उन्हें एक खरगोश रास्ते में उदास बैठा दिखाई देता। एक दिन हाथी ने खरगोश से पूछा, दोस्त तुम रोज यहां उदास क्यों बैठे रहते हो। यह तुम्हारी विद्यालय जाने की उम्र है। तुम यहां बैठ कर समय बर्बाद क्यों कर रहे हो? तभी खरगोश ने कहा, मैं लाचार और गरीब हूं कि मेरे पास विद्यालय जाने के लिए किताबें, स्कूल बैग, ड्रेस और जूते नहीं हैं। तभी हाथी, बंदर और भालू ने मिलकर निर्णय किया कि वे खरगोश की मदद करेंगे। दूसरे दिन सभी मित्र खरगोश के लिए एक-एक जरूरत का सामान ले आए। हाथी जूते लाया, भालू कि ताबें और बंदर स्कूल ड्रेस लेकर आया। उन्होंने सारी चीजें खरगोश को दीं और कहा मित्र अब तुम भी हमारी तरह विद्यालय जा सकते हो और पढ़ सकते हो। अगले दिन से खरगोश भी हाथी, भालू और बंदर के साथ विद्यालय जाने लगा। खरगोश भी उनका अच्छा मित्र बन गया। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चे और अच्छे मित्र वही होते हैं, जो एक-दूसरे की सहायता करते हैं।
विशाखा शर्मा, उम्र-12 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………..

दोस्ती का अनमोल तोहफा
एक बार की बात है। जंगल के स्कूल में हाथी मोती, बंदर झप्पू, खरगोश चंचल और भालू गुल्लू साथ पढ़ते थे। चारों गहरे दोस्त थे और हर काम में एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन स्कूल में स्पोट्र्स डे का आयोजन हुआ। सभी बच्चों को भाग लेना था, पर जब चंचल ने देखा कि उसके जूते पुराने और फटे हुए हैं, तो वह उदास हो गया और भाग लेने से मना करने लगा। दोस्तों ने उसका दु:ख देखा और इसका हल निकालने की सोची। मोती के पास एक अतिरिक्त जोड़ी जूते थे। उसने वे जूते चंचल को दिए और कहा, दोस्तों में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। ये जूते तुम्हारे हैं। चंचल की आंखें भर आईं और उसने जूतों को पहनकर स्पोट्र्स डे में भाग लिया। उस दिन चंचल ने दौड़ प्रतियोगिता जीती और अपने दोस्तों का धन्यवाद किया। उसने कहा, यह जीत मेरी नहीं, हमारी दोस्ती की है। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में मदद करें और हमें कभी अकेला महसूस न होने दें।
गहना बाबरीवाल, उम्र- 11 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

हाथी आया प्रथम
एक बार खरगोश, चूहा और बंदर तीनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और उनमें खरगोश पढ़ाई में होशियार था। एक दिन उनकी कक्षा में नया विद्यार्थी हाथी आया। हाथी ने खरगोश से उसका टाइम टेबल पूछा, तो खरगोश ने हाथी को पूरा टाइम टेबल बता दिया। हाथी ने उसी टाइम टेबल का पालन किया। अंत में हाथी कक्षा में प्रथम स्थान पर आया, तो खरगोश ने उस पर आरोप लगाया कि हाथी ने नकल की है। शिक्षक ने फिर से परख लिया। फिर भी वह प्रथम आया। इससे हमें सीख मिलती है कि कोई काम ठीक से करने पर सफलता मिल सकती है।
नव्या सिंहमार, उम्र- 9 वर्ष
……………………………………………………………………………………………………………………………….

गहरी दोस्ती
हाथी, बंदर और भालू एक साथ प्रेम से रहते थे। हाथी, बंदर और भालू स्कूल से घर लौटते समय खरीदारी करने गए। हाथी ने अपने लिए जूते खरीदे। बंदर ने कपड़े खरीदे। भालू ने मोजे खरीदे। उनके स्कू ल में एक नया विद्यार्थी आया था, वह खरगोश था। वह हाथी से डरता था। वह खरीदारी करके आ ही रहे थे, तभी सामने से खरगोश आ गया और हाथी ने खरगोश से अपना हाथ मिलाने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे बढ़ाया, तो खरगोश बहुत डर गया। फिर हाथी ने खरगोश से बोला मैं तुम्हें मार नहीं रहा हूं। मैं तो बस तुमसे हाथ मिला रहा हूं। फिर सभी हंसने लगे। फिर हाथी,भालू और बंदर ने खरगोश से हाथ मिलाया। फिर उनमें दोस्ती गहरी होती चली गई। फिर वे सब अपना पूरा काम साथ मिलकर करने लगे। जैसे स्कूल जाना, खरीदारी करना और मैदान में खेल-कूद करना। जैसे-जैसे दिन बीतते गए उनकी दोस्ती और गहरी होती गई। एक दिन बंदर, हाथी, खरगोश और भालू चारों मेले में गए और वहां पर उन्होंने बहुत मस्ती की। बहुत सारे झूलों में आनंद लिया और खाना भी खाया। वाकई में सच्ची खुशी दोस्ती में छिपी है।
खुशी अग्रवाल, उम्र- 9 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

वनों से ही वन्यजीव
विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों का दिवसीय वन भ्रमण था। बालमित्रों के लिए आज बड़ी खुशी का दिन था। रघु, कान्हू, सिद्धू, माधू चारों बस से उतरते ही खुशी से झूम उठे। रघु ने कहा, अरे वो हिरण कितनी लम्बी छलांग लगाता है। तभी कान्हू ने कहा, हां-हां बहुत तेज दौड़ रहे हैं। सिद्धू हिरणों की सुन्दरता से इतना मन्त्रमुग्ध हो गया कि उछल कर बोल पड़ता है कि वे हिरण कितने मनमोहक हैं। तभी माधू कहता है, अरे वो खरगोश कितने प्यारे हैं। तभी कान्हू ने कहा, क्या हम अपने घर पर इन जीवों को रख सकते हैं। तभी रघु बोल पड़ता है, अरे वो इतने तेज भागते हैं तो उन्हें पकड़ोगे कैसे? सिद्धू हंसते हुए कहता है- मेरे पास एक समाधान है। सभी बोलते हैं कि अरे बताओ तो, तभी सिद्धू कहता है कि हम अपने घरों के आस-पास बहुत सारे पेड़ पौधे उगाएंगे, तो हमारे यहां भी वन बन जाएगा और हिरण, खरगोश आदि जीव हमारे घर के समीप आ जाएंगे। सबने कहा, हम खूब पेड़ लगाएंगे। माधू कहता है वृक्षों से ही वन है और वनों से ही वन्य जीव हैं। इसलिए हम सदा वृक्ष लगाते रहेंगे।
-दशित, उम्र-11 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

अनमोल तोहफा दूरबीन
एक समय की बात है। एक जंगल में हाथी, भालू, बंदर और खरगोश रहते थे। वे सभी अच्छे दोस्त थे और एक ही स्कूल में पढ़ते थे। एक दिन स्कूल के बाद वे सभी एक साथ खेल रहे थे। अचानक खरगोश को एक चमकदार चीज जमीन पर पड़ी दिखाई दिया। वह उसे उठाने के लिए दौड़ा। यह क्या है? खरगोश ने पूछा। हाथी ने उसे देखा और कहा, यह एक दूरबीन है। दूरबीन क्या है? खरगोश ने फिर पूछा। यह एक ऐसी चीज है जिससे तुम दूर की चीजों को देख सकते हो, भालू ने समझाया। मुझे भी देखना है! खरगोश ने उत्साह से कहा। खरगोश ने दूरबीन ली और आकाश की ओर देखने लगा। उसने दूर-दूर तक देखा और उसे बहुत मजा आया। यह तो बहुत मजेदार है! खरगोश ने कहा। अब मेरी बारी, बंदर ने कहा। उन्होंने बारी-बारी से दूरबीन से देखा और बहुत आनंद लिया। यह तो बहुत ही शानदार है, हाथी ने कहा। हमें इसे अपने साथ रखना चाहिए, भालू ने कहा। वे सभी सहमत हो गए और दूरबीन को अपने साथ ले गए। उस दिन से, वे सभी दूरबीन का उपयोग करके नई-नई चीजों को देखते और अपने ज्ञान को बढ़ाते। वे सभी बहुत खुश थे कि उन्हें यह अनमोल तोहफा मिला।
धीरेन यदुवंशी, उम्र- 11 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

जंगल स्कूल का रोमांच
एक सुबह चार सबसे अच्छे दोस्त—एली हाथी, बेनी भालू, मोंटी बंदर और रोजर खरगोश अपने जंगल स्कू ल की ओर निकल पड़े। वे सभी अपने पीली स्कूल यूनिफॉर्म में थे और किताबों, नाश्ते और जरूरी सामान से भरे बैग्स लेकर चल रहे थे। उन्हें घने जंगल के रास्ते से स्कूल जाना बहुत पसंद था, जहां हर दिन कुछ नया रोमांच छिपा होता था। जैसे ही वे पुराने बरगद के पेड़ के पास पहुंचे, उन्होंने झाडिय़ों से एक हल्की सरसराहट सुनी। यह क्या था? रोजर घबराकर फु सफु साया। बेनी जो हमेशा से सबसे साहसी था, आगे बढ़ा। तभी एक गिलहरी झाडिय़ों से बाहर निकली, जिसके छोटे पंजों में एक चमकता सिक्का था। अरे, ये तो सिर्फ गिलहरी है! एली ने राहत की सांस लेते हुए कहा। लेकिन मोंटी ने कुछ अजीब देखा। रुको! यह सिक्का तो हमारी टीचर ने इतिहास की क्लास में दिखाया था! जिज्ञासा के चलते, दोस्तों ने गिलहरी का पीछा करने का फैसला किया। गिलहरी उन्हें जंगल के अंदर एक गुफा तक ले गई। गुफा के भीतर उन्हें एक खजाना मिला, जिसमें पुराने जंगल के सिक्के , नक्शे और एक जंग लगा कंपास था। ‘ये तो अद्भुत है!Ó एली ने सिक्का ध्यान से देखते हुए कहा। तभी उन्होंने एक आवाज सुनी। गुफा के द्वार पर एक जंगली बिल्ली खड़ी थी, जिसकी आंखें चमक रही थीं। तुरंत समझदारी दिखाते हुए, बेनी ने अपनी शहद की बोतल फेंक दी ताकि बिल्ली का ध्यान भटके। बिल्ली शहद की तरफ बढ़ी और वहां से चली गई। दोस्त जल्द ही स्कूल लौट आए, अपने रोमांच से रोमांचित। जब उन्होंने अपनी खोज टीचर को बताई, तो उन्होंने उनकी हिम्मत और जिज्ञासा की तारीफ की। उस दिन के बाद जंगल उनके लिए और भी ज्यादा रोमांच और रहस्यों से भर गया, जिन्हें वे हर दिन खोजने का इंतजार करते थे।
उज्जवल शर्मा, उम्र-10 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

अच्छे दोस्त
एक बार की बात है। एक जंगल में तीन दोस्त रहते थे। उनमें हाथी, भालू और बंदर था। हाथी का नाम हनी, भालू का नाम पिंकू और बंदर का नाम मिंकु था। दिवाली की छुट्टियों के बाद उनका स्कूल खुला जिसका नाम जंगलों कॉन्वेंट था। वह सब जब स्कूल जा रहे थे तो उन्हें एक खरगोश बनी रास्ते में गंभीर रूप से घायल मिला। उन्होंने उससे पूछा कि तुम्हें क्या हुआ? उसने रोते हुए कहा कि मैं गिर गया था। इधर पास में ही मेरा घर है। उधर मेरी मां और कोई भी घर पर नहीं था। इसलिए मैंने स्कूल जाने का सोचा कि वहां पर जो डॉक्टर होगा तो मेरी मदद कर सकेगा, परंतु मैं बीच में ही वापस से गिर पड़ा और मैं घायल हो गया। उससे ज्यादा बात ना करते हुए सभी ने बनी की मदद की और उसे डॉक्टर के पास ले गए। कुछ दिनों में बनी ठीक हो गया। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए जैसे कि हनी, मिंकु और पिंकू ने बनी की मदद की।
यशस्वी गोदारा, उम्र- 11 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

पक्के दोस्त
एक स्कूल में चार पक्के दोस्त थे । हाथी, बंदर,भालू और खरगोश। चारों में बहुत गहरी दोस्ती थी। खरगोश को पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता था। उसे पढ़ाई से नफरत थी। एक दिन हाथी , बंदर और भालू साथ में विद्यालय जा रहे थे। हाथी ने सोचा कि खरगोश को पढ़ाई तो करनी ही पड़ेगी। नहीं तो ये पढ़ाई में कमजोर हो जाएगा। बंदर ने कहा नहीं वो हमसे लड़ाई करने लग जाएगा। भालू ने बोला कि उसे पढ़ाई तो करनी ही पड़ेगी। हाथी ने कहा चलो उसे उसके घर बुलाने चलते हैं। वे तीनों उसके घर गए। हाथी ने उससे कहा चलो आज हम तुझे भी विद्यालय लेके जाएंगे। खरगोश उन तीनों से लड़ाई करने लगा। फिर बंदर ने उसे समझाया कि पढ़ाई कितनी जरूरी है तो खरगोश मान गया। फिर वे तीनों उसे दुकान पर लेकर गए और स्कूल यूनिफॉर्म, बैग और किताबें दिलवाईं और फिर वे चारों विद्यालय चले गए। खरगोश ने कहा अब मैं हमेशा तुम लोगों के साथ विद्यालय चलूंगा।
मिशिका मालवीय, उम्र- 10 वर्ष
………………………………………………………………………………………………………………………………

दोस्तों की पाठशाला
हाथी,भालू,बंदर और खरगोश चार पक्के दोस्त थे। वह हंसते-खेलते पाठशाला जा रहे थे। खरगोश ने देखा कि हाथी के हाथ में एक और जोड़ी जूते थे । उसने पूछ, तुम क्यों यह जूते लेकर जा रहे हो? हाथी बोला, ‘स्कूल में स्पोट्र्स डे है। सर ने लाने को कहा था। तुम भूल गए? खरगोश घबरा गया और उसने कहा, हे भगवान! मेरे दिमाग से तो यह बात निकल ही गई! बंदर ने कहा, कोई बात नहीं, तुम इन्हीं जूतों में भाग ले लेना। थोड़ी दूर चलने पर उनको किसी की रोने की आवाज आई। इस पर भालू बोला, शायद किसी को हमारी मदद चाहिए। खरगोश ने कहा, यह रास्ता सुनसान है और यह किसी की शरारत भी हो सकती है। सभी दोस्त सिवाय खरगोश के उस आवाज की ओर चल पड़े। उन्होंने देखा एक शेर गहरे गड्डे में गिरा हुआ रो रहा था। हाथी को दया आई और पास के पेड़ की टहनी काटकर शेर की ओर कर दी। शेर ने टहनी पकड़ ली और तीनों दोस्तों ने उसको ऊपर खींचा। ऊपर आते ही शेर ने बंदर को झपट लिया। खरगोश दूर से ही सब देख रहा था। उसने एक तरकीब सोची। खरगोश ने शेर को आवाज दी यदि तुम मेरे दोस्त को छोड़ दो तो मैं तुम्हें जादुई जूते दूंगा। जादुई जूते ? शेर ने पूछा। मुझे चाहिए बंदर ने पहले ही हाथी के एक और जोड़ी जूते में कांटे छुपा दिए थे। जैसे ही शेर ने जूते पहने। वह दर्द इधर-उधर भागने लगा। चारों दोस्त वहां से भाग गए। हाथी के जूतों ने सबकी जान बचा ली।
दित्य डागा, उम्र-7 वर्ष

Hindi News / News Bulletin / किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 7 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

ट्रेंडिंग वीडियो