कई परिवार में मातम पसरा
शराब त्रासदी के बाद गांव के कई परिवारों में मातम पसरा हुआ है। इस शराब कांड ने उन 44 परिवारों की जड़ें पूरी तरह से हिला कर रख दी हैं जो पति-पत्नी और बच्चों के रूप में हंसी-खुशी से रह रहे थे। पति को खोने वाली कई महिलाएं सदमे में है। वहीं बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है। महिलाओं और बच्चों के पूरे गांव में रोती-बिलखती चेहरे दिख रहे हैं।
शराब त्रासदी में पति को खोने वाली महिलाओं में 20 से 40 साल के बीच की 19 महिलाएं है। 40 साल से अधिक उम्र की 24 महिलाएं और 11 महीने के शिशु वाली एक महिला ने अपने पति को खो दिया। एक परिवार में जहां एक व्यक्ति की मौत का गम अभी खत्म नहीं हुआ है, वहीं दो परिवारों में अवैध शराब के कारण पति-पत्नी दोनों की मौत हो गई है। एक गर्भवती महिला का कहना है कि कम उम्र में उनके पति की मौत दर्दनाक है।
सरकार से मिला मदद का आश्वासन
जिला कलक्टर प्रशांत ने कहा जिन महिलाओं ने अपने पतियों को खोया है, उनमें से 12 महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही 50,000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। कलक्टर ने आश्वस्त किया कि उनके आर्थिक विकास के लिए सभी विभागों को जोड़कर योग्यता के आधार पर सहायता प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी।
क्या चिकित्सा दल नियमित रूप से उन क्षेत्रों में हर घर में जाते हैं जहां ऐसे लोग हैं जो शराब पीते हैं और जिनमें लक्षण हैं? जिन बच्चों ने अपने माता या पिता खोया है, उनसे मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएं कि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो। साथ ही उनका कहना है कि नकली शराब पीने से होने वाले नुकसान को रोका जाना चाहिए ताकि उनके परिवार के साथ-साथ किसी और को भी नुकसान न हो।