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जूनियर डॉक्टरों ने शुरू की भूख हड़ताल

अनशन पर बैठे छह डॉक्टर कोलकाता . राज्य सरकार से मांग पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर चले गये। उन्होंने मांग पूरी करने के लिए राज्य को 24 घंटे का समय दिया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर […]

कोलकाताOct 05, 2024 / 09:52 pm

Krishna Das Parth

जूनियर डॉक्टरों ने शुरू की भूख हड़ताल

जूनियर डॉक्टरों ने शुरू की भूख हड़ताल

अनशन पर बैठे छह डॉक्टर

कोलकाता . राज्य सरकार से मांग पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर चले गये। उन्होंने मांग पूरी करने के लिए राज्य को 24 घंटे का समय दिया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर मांगें पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। जैसे ही वह समय सीमा समाप्त हुई, उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पहले चरण में 6 जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं। हालाँकि, इन छह में से कोई भी आरजी कर अस्पताल से नहीं है। वहीं भूख हड़ताल की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए धरना स्थल पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने साफ कर दिया कि डोरिना क्रॉसिंग पर उनका विरोध जारी रहेगा। लेकिन, पुलिस मुख्यालय लालबाजार ने मेल द्वारा उनसे अपना धरना वापस लेने का अनुरोध किया है। पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों को यह तर्क देते हुए मेल भेजा है कि उनके धरने से आम लोगों को परेशानी होगी। इस संबंध में जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है। शुक्रवार की रात से शनिवार तक उस सडक़ पर आवागमन में कोई परेशानी नहीं हुई। तो अब क्यों होगी। उन्होंने पुलिस पर ‘धमकी संस्कृति’ का आरोप लगाया। जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि धर्मतला में मेट्रो चैनल पर शांतिपूर्ण जुलूस से उनके एक साथी को पुलिस पकड़ कर ले गई। उसे लात-घूंसा भी मारा गया। अभी तक इस घटना को लेकर पुलिस ने कोई माफी नहीं मांगी है।
महालया से लोग उत्सव की ओर लौट गए हैं। लेकिन जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि यह आंदोलन जितना हमारा है, उतना ही आम लोगों का भी है। जो लोग त्योहार पर लौट रहे हैं, यह उनका निजी मामला है। लेकिन वे (जूनियर डॉक्टर) त्योहार पर लौटने की स्थिति में नहीं हैं। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
अगर भूख हड़ताल के दौरान कोई बीमार हो जाए तो कौन जिम्मेदार है? इस सवाल के जवाब में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि जो मांगें की गई हैं वो बिल्कुल जायज हैं और ये बात सरकार से लेकर हर कोई जानता है। इसलिए ऐसा दिन नहीं आता कि राज्य उनकी मांगें मान ले। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगर भूख हड़ताल पर बैठे किसी भी व्यक्ति को कुछ भी होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार को लेनी होगी।
भूख हड़ताल की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जूनियर डॉक्टर विशेष कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अनशन स्थल पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। आंदोलनकारियों ने कहा कि सब देखेंगे कि वहां क्या हो रहा है।

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