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एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, झूठा केस बनाने पर ऑफिसर सहित 6 पुलिसकर्मियों पर होगी एफआईआर

High Court order for TI of Bhalumaada police station of Anuppur जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस ऑफिसर सहित 6 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए

जबलपुरOct 19, 2024 / 09:39 pm

deepak deewan

High Court order for TI of Bhalumaada police station of Anuppur

High Court order for TI of Bhalumaada police station of Anuppur

पुलिस पर झूठा केस बनाने और निर्दोषों की भी पिटाई के अक्सर आरोप लगते हैं लेकिन अधिकांश पीड़ित डर के कारण शिकायत ही नहीं करते। मध्यप्रदेश में ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने एक पुलिस ऑफिसर सहित 6 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एक युवक को पीटने और झूठा केस बनाने के इस केस में हाईकोर्ट ने संबंधित पुलिस थाने के पूरे स्टाफ का ट्रांसफर करने को भी कहा। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की पीठ ने आरोपी पुलिसकर्मियों से जुर्माना वसूल कर पीड़ित को देने को कहा।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शनिवार को अनूपपुर के भालूमाड़ा थाने के टीआई सहित 6 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर के आदेश दिए। 2023 के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किए। टीआई और सभी पुलिसकर्मियों की मोजर बेयर कंपनी के सुपरवाइजर के साथ मारपीट करने और झूठा केस बनाने की शिकायत की गई थी।
कोर्ट ने भालूमाड़ा थाना प्रभारी आरजे धारिया, एएसआई प्रभाकर पटेल, एएसआई रामहर्ष पटेल, प्रधान आरक्षक कृष्णकांत तिवारी, आरक्षक मकसूदन सिंह और आरक्षक स्वदेश सिंह चौहान पर केस दर्ज करने को कहा है।

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने भालूमाड़ा थाने के पूरे स्टाफ का ट्रांसफर करने को भी कहा। थाने का स्टाफ जांच प्रभावित न कर सके, इसके लिए उन्हें 900 किलोमीटर दूर भेजने को कहा है। कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों से 1 लाख 20 हजार रुपए जुर्माना वसूल कर पीड़ित को दिलाने के लिए कहा।
हाईकोर्ट ने तीन महीने के अंदर हर हाल में आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं किए जाने पर डीजीपी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी। कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया कि प्रदेश के सभी थानों के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।
ये है मामला
सितंबर 2023 में मोजर बेयर कंपनी के ट्रक गांववालों ने रोक लिए। कंपनी में सुपरवाइजर अखिलेश पांडे ने अनूपपुर के भालूमेड़ा थाने में कॉल किया तो आरक्षक मकसदून सिंह मौके पर पहुंचा। अखिलेश पांड के मुताबिक उसने 5 हजार रुपए की मांग की। इसपर विवाद हुआ तो थाना प्रभारी आरजे धारिया स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और अखिलेश के साथ मारपीट की। इसके बाद आरक्षक मकसूदन ने खुद अपनी वर्दी फाड़ते हुए अखिलेश पर फर्जी केस बना दिया। उन्होंने एसपी से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने मामले से जुड़े कई फुटेज देखे जिसके बाद फैसला सुनाया।

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