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साइलेंट किलर है हाईपरटेंशन, जानिए इसके नियंत्रण के उपाय

नई दिल्ली. हाईपरटेंशन या उच्च रक्तचाप पूरे विश्व में स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या है, जिसे ‘साईलैंट किलर’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण अप्रत्यक्ष होते हैं, जबकि परिणाम काफी गंभीर होते हैं, जिनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी को नुकसान, और समय से पहले मृत्यु शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाईपरटेंशन पर जारी […]

जयपुरJun 19, 2024 / 12:08 am

Jagmohan Sharma

नई दिल्ली. हाईपरटेंशन या उच्च रक्तचाप पूरे विश्व में स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या है, जिसे ‘साईलैंट किलर’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण अप्रत्यक्ष होते हैं, जबकि परिणाम काफी गंभीर होते हैं, जिनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी को नुकसान, और समय से पहले मृत्यु शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाईपरटेंशन पर जारी की गई पहली रिपोर्ट के अनुसार यदि हाईपरटेंशन से पीड़ित आधे लोग अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर लें, तो 2040 तक भारत में होने वाली 46 लाख मौतों को रोका जा सकता है। स्टार हैल्थ एंड अलाईड इंश्योरेंस कंपनी की एग्ज़िक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट डॉ. मधुमति रामकृष्णन ने बताया कि भारत में हाईपरटेंशन से पीड़ित अनुमानित 22 करोड़ लोगों में से केवल 12 प्रतिशत लोगों का ही रक्तचाप नियंत्रण में है। वास्तव में, देश में हृदय रोगों जैसे हार्ट अटैक से होने वाली आधी से ज्यादा (52 प्रतिशत) मौतें उच्च रक्तचाप से जुड़ी हैं। भारत में हाईपरटेंशन के इन चिंताजनक आँकड़ों को देखते हुए इस गंभीर समस्या को हल करना बहुत आवश्यक हो गया है। हाईपरटेंशन अनेक कारणों से हो सकता है, जो अनुवांशिक, जीवनशैली, और पर्यावरण पर निर्भर होते हैं। अत्यधिक वजन, खराब आहार, शारीरिक गतिविधि न करना, अत्यधिक मदिरासेवन, और क्रोनिक तनाव, इन सभी से रक्तचाप बढ़ता है।
हाईपरटेंशन को नियंत्रित करने के मुख्य उपाय
हाईपरटेंशन को नियंत्रित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। सेहतमंद जीवनशैली और दवाईयों की मदद से स्वास्थ्य व सेहत में सुधार लाया जा सकता है। नियमित निगरानी, जीवनशैली में परिवर्तन, दवाईयों और स्वास्थ्य बीमा द्वारा हाईपरटेंशन को नियंत्रित करने के सबसे प्रभावी उपायों में शामिल हैंः
— रक्तचाप की नियमित तौर से निगरानी करेंः घर पर और डॉक्टर से मिलकर अपने रक्तचाप की नियमित जांच करते रहें और उसका ट्रैक रखें।
— संतुलित आहार लेंः अपने आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, और कम फैट वाले डेयरी उत्पाद लें।
— सोडियम का कम सेवन करेंः प्रोसेस्ड फूड न लें और नमक की बजाय हर्ब्स एवं मसालों का सेवन करें।
— नियमित व्यायाम करेंः प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट का मध्यम तीव्रता का एरोबिक व्यायाम करें।
— मदिरा सेवन कम करेंः मदिरा सेवन को कम करके रक्तचाप में कमी लाई जा सकती है।
— धूम्रपान त्याग देंः धूम्रपान त्यागने से हृदय के स्वास्थ्य में सुधार आता है, और रक्तचाप कम होता है।

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