Navratri: यहां हैं बलूचिस्तान की हिंगलाज माता, आप भी कर सकते हैं दर्शन
पाकिस्तान जाकर दुनिया में मशहूर हिंगलाज भवानी की पूजा करना आम आदमी के लिए आसान नहीं है। मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को इंडिया गेट, वाघा बॉर्डर पार करते हुए बलूचिस्तान की गुफाओं से गुजरना होता है
जबलपुर। पाकिस्तान जाकर दुनिया में मशहूर हिंगलाज भवानी की पूजा करना आम आदमी के लिए आसान नहीं है। मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को इंडिया गेट, वाघा बॉर्डर पार करते हुए बलूचिस्तान की गुफाओं से गुजरना होता है। सिविल लाइन की बाल दुर्गोत्सव समिति ने एेसा प्रयास किया है कि संस्कारधानी के लोग शहर में ही हिंगलाज भवानी की पूजा करेंगे। सब कुछ वैसा ही बनाया है, जैसा बॉर्डर पर है।
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यहां दुर्गा उत्सव में भक्ति और देशभक्ति का संगम दिखेगा। बलूचिस्तान में 300 मीटर की गुफा में चलने के बाद प्लाईवुड पर उकेरी गई देवी के दर्शन होंगे। समिति ने संत बाबा कल्याण दास के सहयोग से हिंगलाज की ज्योत भी मंगाई है जिसकी पूजा चल रही है। खास बात है कि यह शहर के विभिन्न स्कूल, कॉलेजों के छात्र-छात्राएं सैनिक के रूप में परेड करेंगे। अध्यक्ष कमलेश अग्रवाल ने बताया कि 6 से 10 अक्टूबर तक शाम 6 बजे से परेड होगी। 15 मिनट परेड के बाद आधे घंटे दर्शन का मौका दिया जाएगा।
कोलकाता का हनुमान मंदिर भी
सदर स्थित नव मित्र मिलन दुर्गोत्सव समिति ने कोलकाता के हनुमान मंदिर की तर्ज पर पंडाल सजाया है। 55 फीट ऊंचे मंदिर पर वाद्य यंत्र और नृत्य करते कलाकार श्रद्धालुओं को लुभा रहे हैं तो बंगाली पैटर्न पर दुर्गा प्रतिमा विराजमान हो चुकी है।
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