एएसपी की अध्यक्षता में विशेष इकाइयां मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि ऐसे मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों की अगुवाई में जिलेवार विशेष इकाइयां बनाई जाएंगी। स्टालिन ने सदन को यह भी बताया कि यौन अपराधों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा काट रहे दोषियों को छूट देने से रोकने के लिए तमिलनाडु जेल नियमों में उचित संशोधन किया जाएगा।
12 साल से कम की किशोरी से बलात्कार पर मृत्युदंड उक्त घोषणा मुख्यमंत्री स्टालिन द्वारा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ़ यौन अपराधियों की सज़ा बढ़ाने और डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर उन्हें परेशान करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए आपराधिक कानून (तमिलनाडु संशोधन) विधेयक 2025 और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किए जाने के एक दिन बाद की गई है। इस बीच, बलात्कार के दोषियों के लिए 14 साल की सज़ा और 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार के मामले में न्यूनतम 12 साल या मृत्युदंड का प्रस्ताव करने वाले संशोधन विधेयक को राज्य विधानसभा में ध्वनिमत से सफलतापूर्वक पारित कर दिया गया। सीपीआइएम, सीपीआइ और पीएमके के विधायक दल के नेताओं ने सरकार से मृत्युदंड के उन्मूलन के लिए वैश्विक अभियान को देखते हुए अधिकतम सज़ा की समीक्षा करने का आग्रह किया।
राज्य में यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले तमिलनाडु में 2021 से 2023 के बीच बलात्कारों की संख्या 400 से अधिक रही। 2023 में रेप केसों की संख्या 406 थी जबकि इससे पूर्व के दो सालों में 442 केस रिपोर्ट हुए। महिलाओं के उत्पीड़न मामले इन सालों में लगातार बढ़े हैं जो ज्यादा चिंताजनक हैं। इन तीन सालों में 4124 मामले दर्ज हुए हैं।