पन्ना जिले के नाम पर तीन खिलाडिय़ों ने इंदौर एसोसिएशन द्वारा कराए गए ट्रायल में भाग लिया था। जिसमें तीन खिलाडिय़ों कृष्णा पुत्र संजय अग्रवाल, पवन राज पुत्र विनोद कुमार यादव व नीव पुत्र हेमंत मित्तल ने पन्ना की रॉयल पब्लिक स्कूल की तीन साल की मार्कशीट दस्तावेजों के साथ जमा की थी। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इंदौर ने तीनों खिलाडिय़ों द्वारा प्रस्तुत मार्कशीट को सत्यापन के लिए पन्ना स्थित संबंधित स्कूल के पास भेजा, जिसमें स्कूल प्रबंधन ने लिखित में तीनों की मार्कशीट फर्जी बताई हैं। स्कूल प्रबंधन ने इंदौर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ यह जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना को भी अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
पन्ना जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह परमार ने बताया कि हमारे जिन तीन खिलाडिय़ों की मार्कशीट सत्यापन में नकली पाई गई हैं, उसमें से कृष्णा पुत्र संजय अग्रवाल का नकली आधार कार्ड भी सामने आ चुका है, जो कि उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। वहीं दूसरा खिलाड़ी नीव मित्तल भी पन्ना का निवासी नहीं है, लेकिन वह पन्ना के नाम पर सागर की टीम से खेल रहा है। इस बात की शिकायत मैंने सागर डिवीजन एसोसिएशन से भी की है और उसे बाहर करने का बोला था।
जिला स्तर पर तैयार हो रहीं क्रिकेट टीमों में बड़ा खेल चल रहा है। सिलेक्टर रुपए लेकर सागर संभाग के जिलों की टीमों में दिल्ली, यूपी के खिलाडिय़ों को फर्जी दस्तावेज बनाकर शामिल करा रहे हैं। एमपीसीए के अंपायर सागर निवासी नीरज तिवारी ने इस बात की शिकायत की, जिसके बाद पत्रिका की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह खेल प्रदेश के अधिकांश जिलों में चल रहा है और इसे संरक्षण एमपीसीए से जुड़े पदाधिकारी ही दे रहे हैं।
किसी के द्वारा यदि नकली आधारकार्ड, मार्कशीट या अन्य कोई फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं तो उस पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला पंजीबद्ध होता है। यह तो अपराध है ही, लेकिन यदि उन कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर कहीं लाभ लिया है तो उसको लेकर अलग मामला बन सकता है।
अभिषेक तिवारी, पुलिस अधीक्षक, सागर