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संविधान में बदलाव के प्रयास देश की एकता के लिए खतरा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पीड़ित समुदायों को ऐतिहासिक रूप से शिक्षा से वंचित रखा गया था, लेकिन डॉ. अंबेडकर के प्रयासों ने उन्हें शिक्षा सुलभ कराई।

बैंगलोरOct 26, 2024 / 09:51 am

Nikhil Kumar

– बुद्धिजीवियों को मानवता को बढ़ावा देना चाहिए

– शिक्षा असमानता को समाप्त करने की कुंजी

बेंगलूरु. संविधान Constitution में बदलाव के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि ऐसे प्रयास देश India की एकता के लिए खतरा हैं। असमानता को समाप्त करने और एक निष्पक्ष समाज Society के निर्माण के लिए सभी के लिए शिक्षा आवश्यक है।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर तकनीकी संस्थान में एक नए इनडोर खेल परिसर के उद्घाटन के बाद उन्होंने बुद्धिजीवियों से मानवता Humanity को अपनाने और घृणा से बचने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पीड़ित समुदायों को ऐतिहासिक रूप से शिक्षा से वंचित रखा गया था, लेकिन डॉ. अंबेडकर के प्रयासों ने उन्हें शिक्षा सुलभ कराई। उन्होंने अंबेडकर को भारत के महान विचारकों में से एक बताया और नागरिकों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
समाज को विभाजित करती जाति व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति व्यवस्था असमानता और सामाजिक विभाजन पैदा करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाशिए पर पड़े समुदायों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के लिए सच्ची आर्थिक और सामाजिक समानता हासिल करना जातिगत बाधाओं को दूर करने की कुंजी है। उन्होंने भेदभाव से मुक्त समाज का सपना देखने वाले बुद्ध, बसव और महात्मा गांधी के दृष्टिकोण का आह्वान किया। बुद्धिजीवियों से नफरत नहीं, बल्कि मानवता को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

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