टीकमगढ़. जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय दर्जनों की संख्या में जर्जर हो गए है। जर्जर भवनों में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर अध्ययन कर रहे है। भवनों के कारण न केवल शिक्षक बल्कि अभिभावक भी चिंतित रहते है। जिस शाला में छात्रों की दर्ज संख्या अधिक है, उन्हीं शालाओं ने खंडहर का रूप ले लिया है। डीपीसी ने जिले के चार स्कूलों को खाली करा दिया है और उन्हें गिराने की योजना बनाई जा रही है।
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की जर्जर स्थिति २८० के करीब है। इसमें से कई भवन अधिक जर्जर हो चुके है, जिनमें नवीन शालाएं भी शामिल है। ऐसे में संस्था प्रमुखों को शैक्षणिक कार्य करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बिडम्बना यह है कि इस समस्या को संबंधित शिक्षिकों ने विभाग के अधिकारियों के समक्ष भी रखा। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की जर्जर स्थिति २८० के करीब है। इसमें से कई भवन अधिक जर्जर हो चुके है, जिनमें नवीन शालाएं भी शामिल है। ऐसे में संस्था प्रमुखों को शैक्षणिक कार्य करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बिडम्बना यह है कि इस समस्या को संबंधित शिक्षिकों ने विभाग के अधिकारियों के समक्ष भी रखा। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
विभाग ने खाली करवाएं चार भवन
डीपीसी ने बताया कि बारिश के कारण जिले के कई स्थानों में पानी भर रहा है। उसका सर्वे किया गया है, जिसका आंकड़ा भी आ गया है। उनमें से चार स्कूलों को खाली करा दिया गया है। उनका कहना था कि टीकमगढ़ नगर का जानकी बाग, चतुरकारी, मातौल और बर्मामांझ गांव का विद्यालय खाली कराया गया है।
डीपीसी ने बताया कि बारिश के कारण जिले के कई स्थानों में पानी भर रहा है। उसका सर्वे किया गया है, जिसका आंकड़ा भी आ गया है। उनमें से चार स्कूलों को खाली करा दिया गया है। उनका कहना था कि टीकमगढ़ नगर का जानकी बाग, चतुरकारी, मातौल और बर्मामांझ गांव का विद्यालय खाली कराया गया है।
जर्जर भवन में लग रही कक्षाएं, हो सकता है हादसा
बर्मामांझ की प्राथमिक शाला पूरी तरह से खंडहर हो गई है। उसकी छत का सीमेंट गिर गया, जिससे लोहे के तार दिखाई दे रही है। इससे खराब स्थिति मातौल के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के साथ मातौल कछयात गांव के स्कूल है। जिसके नीचे कक्षाएं संचालित की जा रही है। इस संबंध में शिक्षक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
बर्मामांझ की प्राथमिक शाला पूरी तरह से खंडहर हो गई है। उसकी छत का सीमेंट गिर गया, जिससे लोहे के तार दिखाई दे रही है। इससे खराब स्थिति मातौल के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के साथ मातौल कछयात गांव के स्कूल है। जिसके नीचे कक्षाएं संचालित की जा रही है। इस संबंध में शिक्षक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
२८० विद्यालय बने जर्जर
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में २२४५ में से २८० जर्जर बने है। जिनकी कई दीवारों में दरक आ गई। कई विद्यालयों की छतों से सीमेंट गिर रहा है और स्कूल का फर्श उखड़ गया है। जिसकी शिकायतें सीएसी और बीएसी के साथ प्रबंधन ने वरिष्ठ अधिकारियों को दे चुके है। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में २२४५ में से २८० जर्जर बने है। जिनकी कई दीवारों में दरक आ गई। कई विद्यालयों की छतों से सीमेंट गिर रहा है और स्कूल का फर्श उखड़ गया है। जिसकी शिकायतें सीएसी और बीएसी के साथ प्रबंधन ने वरिष्ठ अधिकारियों को दे चुके है। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
टीकमगढ़ में २०० और निवाड़ी में ८० स्कूल जर्जर
टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल १५९२ और निवाड़ी में ६३० है। यहां पर २० प्रतिशत से अधिक स्कूल जर्जर है। टीकमगढ़ में २०० और निवाड़ी जिले में ८० से अधिक स्कूलों की हालत खराब है। इन सबका आंकड़ा विभाग के पास रखा है। इन भवनों में बैठने वाले छात्रों को बारिश के समय परेशान होना पड़ रहा है।
टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल १५९२ और निवाड़ी में ६३० है। यहां पर २० प्रतिशत से अधिक स्कूल जर्जर है। टीकमगढ़ में २०० और निवाड़ी जिले में ८० से अधिक स्कूलों की हालत खराब है। इन सबका आंकड़ा विभाग के पास रखा है। इन भवनों में बैठने वाले छात्रों को बारिश के समय परेशान होना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
१६४५- टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
१२११- जिले में प्राथमिक विद्यालय
४३४- जिले माध्यमिक विद्यालय ६२०- निवाड़ी जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
४६४- जिले में प्राथमिक विद्यालय
१६६- जिले माध्यमिक विद्यालय इनका कहना
विभाग द्वारा सर्वे कराया गया है। सबसे अधिक खंडहर दिखाई देने वाले चार स्कूलों को खाली कराया गया है। ऐसी स्थिति अन्य स्कूलों की दिखाई देगी तो उन्हें भी खाली कराया जाएगा।
पीआर त्रिपाठी, सर्व शिक्षा अभियान डीपीसी टीकमगढ़।
१६४५- टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
१२११- जिले में प्राथमिक विद्यालय
४३४- जिले माध्यमिक विद्यालय ६२०- निवाड़ी जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय
४६४- जिले में प्राथमिक विद्यालय
१६६- जिले माध्यमिक विद्यालय इनका कहना
विभाग द्वारा सर्वे कराया गया है। सबसे अधिक खंडहर दिखाई देने वाले चार स्कूलों को खाली कराया गया है। ऐसी स्थिति अन्य स्कूलों की दिखाई देगी तो उन्हें भी खाली कराया जाएगा।
पीआर त्रिपाठी, सर्व शिक्षा अभियान डीपीसी टीकमगढ़।