जानकारी के अनुसार भाग्योदय तीर्थ में रविवार सुबह मुनि सुधा सागर महाराज की आहारचर्या चल रही थी। वहां मौजूद जैन साध्वी आरती दीदी ने अपने एक परिचित को कमरे में अंदर आने के लिए दरवाजे पर खड़े सेवादार से हाथ हटाने के लिए बोला, लेकिन उसने हाथ नहीं हटाया। जब सेवादार का हाथ जबरन हटाया तो विवाद शुरू हो गया। जब तक मुनि महाराज की आहारचर्या चली तब तक तो विवाद बातों तक सीमित रहा, लेकिन जैसे ही वे कमरे से बाहर गए तो मारपीट शुरू हो गई।
– मुनिश्री के जाते ही मारपीट की
मोतीनगर थाने पहुंची जैन साध्वी आरती दीदी ने बताया कि भाग्योदय तीर्थ में मुनिश्री के आहार चल रहे थे, मैंने दरवाजे पर खड़े सेवादार से हाथ हटाने बोला तो वह विवाद करने लगा। मुनिश्री के जाने के बाद सेवादार व उसके साथियों ने मेरे व मेरे भतीजे के साथ मारपीट की, मेरा चश्मा तोड़ दिया। विवाद देख लोगों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया।