अपने यहां अरेबिका का क्रेज शहर मे कैफे का संचालन करने वाले दंपती अंकुर और स्नेह बताते हैं कि भारत में कॉफी की कई किस्मों की पैदावार होती है। इसमें एक अरेबिका को लोग पसंद करते हैं। बांसवाड़ा में अब रेडीमेड कॉफी के बजाय बीन्स से बनाई गई कॉफी की भी डिमांड हैं। अगर कॉफी वैरायटी की बात करें तो हेजल नट और चॉकलेट लोगों को ज्यादा पसंद आती है। बदलाव अब यह भी देखने को मिल रहा है कि फैमिली के साथ लोग कॉफी पीते हुए क्वालिटी टाइम स्पेंड करना पसंद करते हैं।
चाय की तरह बढ़ रही आदत कैफे का संचालन करने वाले हर्ष चौहान बताते हैं कि चाय की तरह ही अब लोगों में कॉफी के प्रति चाव बढ़ा है। पहले तो सिर्फ युवा वर्ग ही कैफे में आते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। देखने में जो यहां तक आया है कि फैमिली आउटिंग के रूप में भी कॉफी पीने के लिए कैफे पहुंचते हैं। बीते वर्षों की तुलना करें तो अब 10 से 15 गुना तक कॉफी लवर्स बढ़ गए हैं। कैफे हाउस जाने के साथ ही लोग घरों में भी कॉफी पीना पसंद कर रहे हैं। बढ़ती डिमांड के कारण कॉफी की वैरायटी भी बढ़ी है।
भारत में होती हैं कॉफी की ये किस्में – अरेबिका – रोबस्ट – लिबेरिका – मोनसून मैलाबार – नीलगिरि इत्यादि