मिलन संघ अध्यक्ष ने बताया कि आड़ावाल में एक किराएदार के रूप में रहने वाले बांग्लादेशी रोहंग्या मुस्लिम ने बताया था कि वह बंग्लादेश से 5000 हजार रुपए देकर बार्डर पार कर यहां तक पहुंचा है। यह लोग छोटे मोटे व्यवसाय के बहाने किराए पर घर लेते हैँ और बाद में मकान खरीद कर अपना पूरा परिवार को बुला कर बस जाते हैं।
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हुए ततापलट
शहर सीमा से लगा आड़ावाल इन दिनों एक धर्म विशेष के लोगों का शरण स्थली बना हुआ है। पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए ततापलट और हिन्दुओं पर अत्याचार के बाद मिलन संघ ओरना कैंप और सर्व हिन्दू समाज, विश्व हिन्दू परिषद और शिवसेना के सदस्यों ने मिलकर स्थानीय प्रशासन को इनकी जांच के लिए ज्ञापन सौंपा। किराएदारों को लेकर संगठनों के विरोध को देखते हुए पुलिस हरकत में आई और सभी के आधार कार्ड की जांच की। पुलिस के मुताबिक जांच में सभी के आधार कार्ड सही पाए गए। जांच के बाद वे आड़ावाल छोड़ कर कहीं और चले गए हैं।
फर्जी आधार कार्ड की आशंका
शिकायत में आशंका जताई गई कि किराएदार के रूप में रह रहे इन लोगों के आधार कार्ड में अंकित जन्म तिथि से लेकर पता भी फर्जी हैं। इनके आधार कार्ड में अंकित जन्म तिथि एक तारीख से शुरू हो रहे हैं और पता भी अधिकांश बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं जिनमें पता सही अथवा गलत है इसकी जांच आवश्यक है। आरोप, सत्यता की जांच किए बिना छोड़ा
मिलन संघ ओरना कैंप आड़ावाल के अध्यक्ष श्याम घोष ने बताया कि यहां रह रहे मुसलमानों (Bangladeshi Muslims) की आधार कार्ड की जांच करने के नाम पर पुलिस ने देख कर उनके सत्यता की जांच किए बगैर छोड़ दिया और यहां से जाने दिया। ऐसे में उनके आधार कार्ड सहीं है अथवा गलत है इसका पता नहीं चल सका। प्रशासन को ऐसे संदिग्ध लोगों के आधार कार्ड ही नहीं सभी तरह के दस्तावेज की जांच की जानी चाहिए।
खूब चल रहा सोशल मीडिया में वीडियो
बांग्लादेश में तता पलट के बाद बदले हालात और आड़ावाल में हुई कार्रवाई के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर आड़ावाल में चेकिंग का वीडियो इस वक्त खूब वायरल हो रहा है। इसे देखकर लोग आशंकित भी नजर आ रहे हैं। तरह-तरह की प्रतिक्रियाओं में लोग पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते दिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस भी शुक्रवार को सजग हुई और शहर में कई स्थानों पर चेकिंग की।
एक ही कमरे में रह रहे थे दर्जनों
यहां के लोगों का कहना है कि आड़ावाल में अन्य प्रांतों से आए मुसलमान एक ही कमरे में 15 से 20 की संया में रह रहे थे और मकान मालिक को प्रति व्यक्ति किराए दे रहे थे। बताया जा रहा है कि यह लोग व्यापार करने के उद्देश्य से कुछ महीनों पहले आए थे और यहां पर लगातार अपने साथियों को बुलाते जा रहे थे। इसके चलते यहां पर इनकी संया लगातार बढ़ती जा रही थी। Bangladesh Violence: पुलिस अधीक्षक बस्तर, शलभ कुमार सिन्हा का कहना है कि शिकायत के बाद सभी किराएदारों की आधार कार्ड की बेबसाइट पर जांच कर सत्यापित किया गया था। इसके अलावा दिए गए पते पर संबंधित पुलिस थानों में भी फोन कर जानकारी ली गई थी। जांच में सही पाए जाने पर सभी के जाने दिया गया। बाद में सभी आड़ावाल से चले गए।