scriptनई थ्योरी : कार्बन के अलावा मीथेन गैस को भी पर्यावरण से सोखते हैं पेड़ों के सूक्ष्म जीव | Apart from carbon, the micro-organisms of trees also absorb methane gas from the environment. E Theory: Apart from carbon, the micro-organisms of trees also absorb methane gas from the environment. | Patrika News
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नई थ्योरी : कार्बन के अलावा मीथेन गैस को भी पर्यावरण से सोखते हैं पेड़ों के सूक्ष्म जीव

शोधकर्ताओं ने अमेजन और पनामा के उष्णकटिबंधीय जंगलों के अलावा दुनिया के अन्य कई जंगलों में मीथेन अवशोषण के स्तर की जांच की।

जयपुरJul 27, 2024 / 12:51 am

pushpesh

लंदन. पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड ही नहीं बल्कि मीथेन जैसी जहरीली गैसों को भी पर्यावरण से हटाने में मदद करते हैं। इंग्लैंड की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन मेें सामने आया कि पेड़ों की छाल हवा में मौजूद मीथेन गैस को सोखती है। दरअसल छाल के अंदर और पेड़ के तने पर सूक्ष्म जीव होते हैं, जो मीथेन गैस को खत्म करते हैं। इनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि ये बड़ी मात्रा में मीथेन गैस को सोख लेते हैं। प्रोफेसर विंसेंट गौसी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने अमेजन और पनामा के उष्णकटिबंधीय जंगलों के अलावा दुनिया के अन्य कई जंगलों में मीथेन अवशोषण के स्तर की जांच की। इसमें पाया गया कि मीथेन गैस की सबसे अधिक मात्रा उष्णकटिबंधीय जंगलों में सोखी जाती है। इसका कारण इन जंगलों में रहने वाले सूक्ष्म जीव हो सकते हैं।
दुनिया का 30% तापमान बढ़ाने की जिम्मेदार मिथेन गैस
धरती को गर्म करने वाली मीथेन गैस खेती, कोयला और तेल जैसे जीवाश्म ईंधन जलाने से बनती है और इसका असर कार्बन डाइऑक्साइड से भी 28 गुना ज्यादा होता है। यह गैस औद्योगिक काल से अब तक दुनिया के करीब 30% तापमान बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। 1980 के दशक के बाद से इस गैस का उत्सर्जन बढऩे से पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया।
पेड़ों की कटाई रोकना जरूरी
शोध से पहले यह माना जा रहा था कि मिट्टी ही मीथेन गैस का अवशोषण करती है, क्योंकि मिट्टी में रहने वाले जीवाणु इस गैस को सोखकर अपनी ऊर्जा बनाने के लिए उपयोग लेते हैं। लेकिन इन नए शोध में यह सामने आया है कि पेड़ भी मिथेन गैस को सोखते है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जलवायु संरक्षण के लिए पेड़ लगाना और पेड़ों की कटाई को रोकना बेहद जरूरी है।
सबसे ज्यादा उष्णकटिबंधीय जंगलों में सोखी जाती है मीथेन
प्रोफेसर विंसेंट गौसी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने अमेजन और पनामा के उष्णकटिबंधीय जंगलों के अलावा दुनिया के अन्य कई जंगलों में मीथेन अवशोषण के स्तर की जांच की। इसमें पाया गया कि मीथेन गैस की सबसे अधिक मात्रा उष्णकटिबंधीय जंगलों में सोखी जाती है। इसका कारण इन जंगलों में रहने वाले सूक्ष्म जीव हो सकते हैं।

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