मंगलवार की दोपहर विश्वविद्यालय पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया तो कोई बदलाव नजर नहीं आया। न तो घाट रोड पर किसी को आने-जाने से रोक थी और न ही हॉस्टल तरफ। विश्वविद्यालय प्रबंधन विभागों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर चल रहे इंटरव्यू में व्यस्त रहा। किसी भी जिम्मेदार ने यह नहीं सोचा कि तेंदुआ के मूवमेंट को लेकर कोई व्यवस्था की जाए।
– इन 4 जगहों पर नजर आया तेंदुआ
विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी ने बताया कि सोमवार की शाम को सबसे पहले तेंदुआ नवनिर्मित आर्यभट्ट हॉस्टल के पास देखा गया था। इसके बाद कुछ सुरक्षाकर्मियों ने शाम करीब 6 बजे परिसर में स्थित केंद्रीय विद्यालय के पास तेंदुए को देखा। इसके बाद रात करीब 12 बजे तेंदुआ गल्र्स हॉस्टल के पास पोस्ट ऑफिस के पास और रात करीब 2.30 बजे कबीर व विवेकानंद हॉस्टल के पास नजर आया। हॉस्टल के पास किसी छात्र ने तेंदुआ का फोटो भी मोबाइल से खींचा है।
– जंगल से लगे क्षेत्रों में सतर्कता की जरूरत
जिस प्रकार तेंदुआ का मूवमेंट हो रहा है उसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के जंगल से लगे हर रहवासी क्षेत्र में सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा तहसीली स्थित ऑफिसर कॉलोनी, पुलिस लाइन, एफएसएल, नेपाल पैलेस और पुराने आरटीओ कार्यालय के आसपास स्थित कॉलोनियों में है।
– ध्यान देना होगा
जिस प्रकार तेंदुआ का मूवमेंट विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ा है, इससे अब लोगों को भी खतरा बढ़ गया है। इसके बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि तेंदुआ किसी पर हमला कर दे। इसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। हेमंत यादव, उप वन मंडल अधिकारी, सागर