scriptमिलावटखोरों से मिलीभगत में निलंबित एफएसओ के 8 माह बाद इंचार्ज ऑफिसर ने भी कोर्ट में दायर नहीं किए 70 मामले | Patrika News
समाचार

मिलावटखोरों से मिलीभगत में निलंबित एफएसओ के 8 माह बाद इंचार्ज ऑफिसर ने भी कोर्ट में दायर नहीं किए 70 मामले

छतरपुर जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) के खिलाफ उठ रहे सवालों ने अब एक नई दिशा पकड़ी है। मिलावटखोरों से मिलीभगत के कारण एफएसओ अमित वर्मा को निलंबित किए जाने के बाद भी इंचार्ज ऑफिसर द्वारा न्यायालय में मामलों की दायरगी में ढील दी जा रही है।

छतरपुरJan 21, 2025 / 11:03 am

Dharmendra Singh

cmho office

सीएमएचओ ऑफिस

छतरपुर. छतरपुर जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) के खिलाफ उठ रहे सवालों ने अब एक नई दिशा पकड़ी है। मिलावटखोरों से मिलीभगत के कारण एफएसओ अमित वर्मा को निलंबित किए जाने के बाद भी इंचार्ज ऑफिसर द्वारा न्यायालय में मामलों की दायरगी में ढील दी जा रही है। 8 माह बाद भी एफएसओ के द्वारा दर्ज किए गए 70 मामलों को कोर्ट में दायर नहीं किया गया है, जिससे यह मामला अब और गंभीर हो गया है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी की लापरवाही पर कलेक्टर ने सीएमएचओ से जानकारी की तलब


मिलावटखोरों से मिलीभगत करने के मामले में निलंबित एफएसओ अमित वर्मा के खिलाफ दबाए गए मामलों का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी वेद प्रकाश चौबे की लापरवाही को लेकर सीएमएचओ से जानकारी मांगी है। इस घटना ने खाद्य सुरक्षा प्रणाली की लापरवाही और दबाव में कार्रवाई न करने की प्रणाली को बेनकाब किया है।

मिलावटखोरों पर नहीं हो रही कार्रवाई


गौरतलब है कि एफएसओ अमित वर्मा को संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र रावत के आदेश पर निलंबित किया गया था, और उन्हें निर्देश दिए गए थे कि वे मिलावटखोरों के खिलाफ दायर किए गए मामलों को न्यायालय में पेश करें। हालांकि, 8 महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद इंचार्ज ऑफिसर ने इन मामलों को न्यायालय में दायर नहीं किया, जिससे मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही की दिशा में एक बड़ी अड़चन उत्पन्न हो गई है।

कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन


कानूनी दृष्टि से खाद्य पदार्थों की लैब से अमानक रिपोर्ट आने के एक साल के भीतर जिला स्तर पर अभियोजन स्वीकृति के आधार पर मामले कोर्ट में दायर किए जा सकते हैं। यदि यह समय सीमा पार हो जाती है, तो दो साल के अंदर संभागायुक्त की अनुमति से मामले दायर किए जा सकते हैं। इस दो साल की अवधि के बाद फूड सेफ्टी कमिश्नर भोपाल की अनुमति से मामले दायर किए जा सकते हैं। लेकिन छतरपुर जिले में वर्तमान एफएसओ ने 35 मामलों को दबाए रखा है, जिनमें लैब की रिपोर्ट में खाद्य पदार्थों के 35 नमूने फेल पाए गए थे।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा


एफएसओ वेद प्रकाश चौबे के द्वारा 35 मामलों को दबाए जाने और व्यापारियों को वन मंथ नोटिस देकर समय पर कार्रवाई न करने के कारण जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम निष्प्रभावी हो गया है। स्वच्छंद कार्यप्रणाली के कारण इस पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के लंबित प्रकरणों की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपे जाने के बाद कलेक्टर के द्वारा इंचार्ज ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने भी इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन से उचित कदम उठाने की बात की है। इस मामले ने खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों को फिर से प्रकट किया है और प्रशासन की जिम्मेदारी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

Hindi News / News Bulletin / मिलावटखोरों से मिलीभगत में निलंबित एफएसओ के 8 माह बाद इंचार्ज ऑफिसर ने भी कोर्ट में दायर नहीं किए 70 मामले

ट्रेंडिंग वीडियो