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नई दिल्ली

यूथ कांग्रेस ने किया ‘यंग इंडिया के बोल’-5 मंच को लॉन्च

-युवा मंच के जरिए युवा बेरोजगारी और नशाखोरी के खिलाफ अपनी बात रख सकेंगे

-ऐप से होगा रजिस्ट्रेशन

नई दिल्लीDec 10, 2024 / 09:48 am

Shadab Ahmed

नई दिल्ली। भारतीय यूथ कांग्रेस ने सोमवार को ‘यंग इंडिया के बोल’ मंच के पांचवें संस्करण का शुभारंभ किया है। इस दौरान एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब की उपस्थिति में मंच से जुड़ा पोस्टर भी लॉन्च किया गया। देश के युवा मंच के जरिए बेरोजगारी और नशाखोरी के खिलाफ अपनी बात रख सकेंगे। इस मंच पर रजिस्टर करने के लिए विथ आइवायसी ऐप डाउनलोड करना होगा।
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष उदय भानु चिब कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज देश के युवाओं में बेरोजगारी और नशाखोरी की दो बड़ी समस्याएं हैं। इसके खिलाफ यूथ कांग्रेस ने आंदोलन शुरू किया है, जिसका नाम ‘नौकरी दो, नशा नहीं’ है। यह सब जानते हैं कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, हजारों-लाखों करोड़ का नशा हमारे देश के युवाओं को तबाह कर रहा है। इसे रोकने की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है, लेकिन इस ओर उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। इसके खिलाफ यूथ कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है, इसलिए हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा युवा हमारे साथ जुड़ें। कई युवा हमारे साथ जुडऩा चाहते हैं, लेकिन आंदोलन में नहीं आ सकते। उनके लिए यूथ कांग्रेस ने ‘यंग इंडिया के बोल’ के पांचवें संस्करण को लॉन्च किया है। इसके जरिए यूथ कांग्रेस ने देश के युवाओं को एक मंच दिया है, ताकि वे बेरोजगारी और नशाखोरी के खिलाफ अपनी बात रख सकें। इसमें सभी युवाओं को बराबरी का मौका मिलेगा और जो अच्छे वक्ता होंगे उन्हें संगठन में भी जगह दी जाएगी।

युवाओं के हालात बदलने के लिए करते हैं रचनात्मक कार्यक्रम

एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि देश में युवाओं के हालात बदलने और उनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए कई तरह के रचनात्मक प्रोग्राम भी करते रहे हैं। ‘यंग इंडिया के बोल’ देश भर के नौजवानों के लिए अपना पक्ष रखने और हमारे साथ जुडऩे का एक मंच है। इसके माध्यम से युवा बेरोजगारी के खिलाफ अपनी बात रखेंगे। आज देश में युवाओं के पास रोजगार नहीं है। हालात ये हैं कि आईआईटी-आईआईएम वालों को भी रोजगार नहीं मिल रहा। भारत दुनिया का सबसे नौजवान देश है। 55 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, दुनिया का हर पांचवां युवक भारतीय है। इतना नौजवान भारत कभी नहीं था। इतनी नौजवान आबादी, पढ़े लिखे युवा होने के बावजूद वास्तवविकता यह है कि एक घंटे में दो नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। यह दर किसानों की आत्महत्या दर से भी अधिक है। यह कितनी दर्दनाक बात है कि जनसंख्या वृद्धि दर से आत्महत्या वृद्धि दर आगे निकल गई है। कन्हैया ने कहा कि मानव इतिहास में आज पहली बार ऐसा हो रहा है कि नौजवान नौकरी लेने से पहले ऋणी हो जाता है।

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