अब सीएम ममता बनर्जी राज्य की सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों की चांसलर होगी और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु निजी विश्वविद्यालयों के विजिटर होंगे। बता दें फिलहास राज्यपाल सरकारी विश्विद्यालयों के चांसलर होते हैं और निजी विश्वविद्यालयों में विजिटर होते हैं। लेकिन विधानसबा में बिल पेश कर ममता बनर्जी सरकार राज्यपाल के अधिकारों में कटौती की कवायद कर रही हैं।
ये निर्णय राज्य विधानसभा में अनुमोदन के लिए लिया जाएगा जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बहुमत में है। सोमवार को सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सचिवालय नबान्न में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। हालांकि, अभी इस निर्णय को विधानसभा में पारित करवाना बाकी है। 10 जून को विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र में यह विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को ट्वीट कर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा था कि 25 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बिना चांसलर की मंजूरी लिए अवैध रूप से नियुक्त कर दिया गया। कोलकाता विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सोनाली चक्रवर्ती को बिना किसी चयन के पूरे 4 वर्ष का दूसरा कार्यकाल दे दिया गया है।
बता दें, बंगाल में सीएम ममता और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद नया नहीं है। कई मुद्दों पर दोनों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। ममता राज्यपाल पर सीधे केंद्र के आदेश थोपने का आरोप लगाती हैं। वहीं, राज्यपाल कहते हैं कि वह जो भी कार्य करते हैं वह संविधान के मुताबिक होता है।