चौहान ने यह बातें कृषि भवन में बजट पूर्व हितधारकों से बैठक में कही। इस दौरान किसानों के साथ ही कृषि उद्यमियों, कृषि से जुड़े विभिन्न संगठनों, कृषक उत्पादक संघ तथा अन्य हितधारकों ने विभिन्न महत्वपूर्ण सुझाव दिए। चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय आंतरिक रूप से भी गहन अध्ययन कर रहा है ताकि बजट के संबंध में अपने प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को शीघ्र दिए जा सकें। विभिन्न पुरानी योजनाओं की समीक्षा की जा रही है। किसानों, सरकारी और निजी अन्य संस्थाओं के साथ ही विभिन्न हितधारकों ने जो सुझाव दिए हैं, वे महत्वपूर्ण है क्योंकि ये लोग फील्ड में काम करते हुए अपने अनुभव प्राप्त करते हैं, जो खेती-किसानी के फायदे के लिए उपयोगी होते हैं। इन लोगों से कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन, कृषि उपज के निर्यातकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने, कृषि अनुसंधान का विस्तार करने, कृषि आदानों की कीमत पर नियंत्रण एवं गुणवत्ता, किसानों को नुकसान नहीं होने आदि के संबध में अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं।
चौहान ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश में भी किसान पंचायत जैसे आयोजन करके सुझाव लिए जाते थे, इससे कृषि व किसानों को लाभ होता है। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी के साथ ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी तथा नाबार्ड, सीआईआई, पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स, एसोचैम, भारतीय स्टेट बैंक, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे।