स्कोल्ज़ ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में अपने भाषण में गुरुवार को कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि पुतिन इस युद्ध को नहीं जीत पाएंगे, वह पहले से ही अपने सभी रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में विफल रहे है।” उन्होंने आगे कहा, “एक प्रमुख परमाणु शक्ति ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे कि उसे सीमाओं को फिर से बनाने का अधिकार है।”
ओलाफ स्कोल्ज़ ने आगे कहा, “पुतिन एक ऐसी विश्व व्यवस्था की वापसी चाहते हैं, जो यह तय कर सके कि क्या सही है – जिसमें स्वतंत्रता, दृढ़ संकल्प और संप्रभुता सभी के लिए नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “पुतिन को ये युद्ध जीतने की अनुमति न हम दे सकते हैं न ही युक्रेन। हम उन्हें युद्ध नही जीतने दे सकते।”
स्कोल्ज़ ने आगे कहा कि पुतिन ने उस एकता और ताकत को भी कम करके आंका था जिसके साथ सात प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह ‘G7’, नाटो और यूरोपीय संघ ने उनकी आक्रामकता का जवाब दिया था। उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है – हम पुतिन को यह युद्ध जीतने नहीं दे सकते हैं।। और मुझे विश्वास है कि वह इसे नहीं जीतेगें।
साथ ही स्कोल्ज़ ने रूसी ईंधन पर किसी भी तरह की निर्भरता को समाप्त करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जर्मनी रूसी तेल और गैस पर अपनी निर्भरता समाप्त करने की योजना बना रहा है। ऊर्जा संकट वास्तव में जर्मनी जैसे औद्योगिक राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं और इसलिए हम अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने की योजना बना रहे हैं।”
आपको बताते चलें, जर्मनी के चांसलर के रूप में पहली बार दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) में बोलने वाले स्कोल्ज़, इस साल के सम्मेलन में शारीरिक रूप से उपस्थित होने वाले G7 देश के एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष हैं।