यह यूएवी डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ने डिजाइन और विकसित किया है। इस विमान की पहली उड़ान पिछले साल जुलाई में प्रदर्शित की गई थी। इसके बाद दो इन-हाउस निर्मित प्रोटोटाइप का उपयोग करके विभिन्न विकासात्मक कॉन्फिगरेशन में छह उड़ान परीक्षण किए गए। इन उड़ान-परीक्षणों से मजबूत एयरो डायनेमिक्स और कंट्रोल सिस्टम के विकास में मदद मिली।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार विमान का प्रोटोटाइप एक जटिल एरोहेड विंग प्लेटफॉर्म के साथ स्वदेशी रूप से विकसित हल्के वजन वाले कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन व निर्मित किया गया है। ग्राउंड राडार, बुनियादी ढांचे व पायलट के बिना इस हाई-स्पीड यूएवी की सफल लैंडिंग ने अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया। इससे इस यूएवी के किसी भी रनवे से टेक-ऑफ और लैंडिंग की क्षमता भी सामने आई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूएवी के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ व सशस्त्र बलों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी रूप से ऐसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के सफल विकास से सशस्त्र बल और मजबूत होंगे।