डीएनए बदलाव को ट्रैक करता है चीकएज शोधकर्ताओं ने पिछले दस साल में एपीजेनेटिक क्लॉक नाम का टूल विकसित किया है। यह रक्त कोशिकाओं की मदद से डीएनए बदलाव (मिथाइलेशन डेटा) को ट्रैक करता है। यह कठिन प्रक्रिया है। अमरीकी वैज्ञानिकों ने अब एपीजेनेटिक क्लॉक का नया वर्जन तैयार किया है। इसका नाम चीकएज रखा गया। इस प्रक्रिया में गाल के अंदर की कोशिकाओं का उपयोग कर डीएनए में बदलाव ट्रैक किया जाता है।
विशिष्ट मार्कर तय करते हैं जोखिम न्यूयॉर्क की टैली हेल्थ कंपनी में कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और डेटा साइंस के प्रमुख डॉ. मैक्सिम शोखिरेव ने बताया कि हमें अध्ययन के दौरान ऐसे कई विशिष्ट मार्कर मिले, जो यह बताते हैं कोई व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है। नई तकनीक 2,00,000 स्थानों के मिथाइलेशन और जीवनशैली के स्कोर को बताती है। इसी आधार पर मृत्यु के जोखिम को बताया जाता है।