सिंधिया ने यह बातें इंडियन मोबाइल कांग्रेस-2024 के दौरान पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे तेजी से 5 जी सेवाएं शुरू की गई है। महज 21 महीने में 98 प्रतिशत जिलों और 90 प्रतिशत गांवों तक इसे पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 6जी टेक्नोलॉजी को अपनाने के साथ भारत को इस दिशा में अग्रणी बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अब देश को टेलीकॉम सर्विस की जगह टेलीकॉम प्रोडक्ट व उपकरणों के निर्माता के रूप में पहचान दिलाने की तैयारी है। इस दिशा में सभी राज्यों के साथ और सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की जा रही है। टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े उत्पादों के साथ सेमीकंडक्टर निर्माण में भी दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने पर तेजी से काम चल रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग (एमएल) जैसे सेक्टर में भारत की ताकत व ज्ञान का मौद्रिकीकरण किया जाएगा।
मुफ्त नहीं मिलेगा स्पेक्ट्रम
सिंधिया ने साफ किया कि सेटेलाइट स्पेक्ट्रम किसी को मुफ्त में नहीं दिया जाएगा। इसकी कीमत तय करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) फार्मूला तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम एक्ट में सेटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन के तरीके के हिसाब से ही काम किया जाएगा।
टेलीकॉम नेटवर्क में इजाफा
मोबाइल सेवा कंपंनियों की ओर से पिछल दिनों बढ़ाई गई दरों के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि पिछले 10 सालों में टेलीकॉम नेटवर्क में 1400 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वॉयस कॉल टैरिफ 51 पैसे से घटकर 3 पैसे रह गया है। यह 95 प्रतिशत की गिरावट है। 4 जी से 5जी सेवा के चरण में जाने के लिए 4.26 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। निवेश का रिटर्न तो आना ही चाहिए। वैसे भी कीमतें मामूली बढ़ाई गई है।