दरअसल, लोकसभा में प्रश्नकाल में पहला सवाल राजस्थान के नागौर से सांसद व आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे की खामियों के चलते इस पर 150 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं, जिसमें अकेले दौसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई। उन्होंने ठेकेदारों और अधिकारियों की कार्रवाई और अंतिम जांच रिपोर्ट की डेडलाइन केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री से सवाल किया। इस पर गडकरी ने कहा कि अमेरिका व यूरोप में एक्सप्रेस वे बनाने वाली स्टोन मेस्टिक एस्फाल्ट (एसएमए) तकनीक से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है। इसकी दस साल की गारंटी है। कुछ खामियों की जानकारी मिलने पर इसकी जांच आइआइटी खडगपुर और आइआइटी गांधीनगर से करवाई गई। उनकी प्रारम्भिक जांच में टायरों से एसएमए लेयर के दबने की बात सामने आई है। इसको ठीक करने का काम तीन महीने में पूरा होगा। वहीं चार ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
हादसे के कारकों को दूर करने के लिए 40 हजार करोड़ मंजूर
गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेस वे की कमी के कारण लोगों की मौत होने की उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन यह सच्चाई है कि देश में 5 लाख हादसों में करीब 1 लाख 68 हजार लोगों की मौत हुई है। यह दुखी करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि लोगों में कानून का डर और सम्मान नहीं है। सरकार ने दुर्घटना स्थलों पर सुधार के लिए 40,000 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है।
अगले सत्र से पहले….नहीं दिखेंगे टोल नाके
गडकरी ने कहा कि दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक हम ला रहे हैं। अगले संसद सत्र से पहले कोई टोल नाका नहीं रहेगा। किसी वाहन को कहीं नहीं रुकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जितना प्रवास करेंगे, उतने का ही टोल लगेगा। इसके बाद पूरा टोल नहीं देना होगा।