खास बात ये है कि पक्षियों को मिलने वाला यह सम्मान पहली बार किसी स्तनधारी को मिला है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि अब यह देश बैटी हो गया है। पक्षी प्रेमियों का मानना है कि यह चुनाव सही नहीं है, अवॉर्ड देने में धोखाधड़ी की गई है।
वहीं इस मामले पर बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड को आयोजित करने वाली संस्था फॉरेस्ट एंड बर्ड ने सफाई दी है। संस्था का कहना है कि चमगादड़ को यह अवॉर्ड देकर हम कोरोना वायरस से संबंधित उसकी खराब इमेज को सुधारना नहीं चाहते। संस्था की प्रवक्ता ने कहा कि लोगों ने वोट किया है, उसमें हम कुछ नहीं कर सकते। वोट का आधार प्रीडेटर कंट्रोल, हैबिटेट रेस्टोरेशन और क्लाइमेट एक्शन के आधार पर भी होता है। इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि किसी जीव को बचाया कैसे जा रहा है।
बता दें कि न्यूजीलैंड में लॉन्ग टेल्ड बैट यानी लंबी पूंछ वाला चमगादड़ रहता है। इसे स्थानीय भाषा में पेकापेका-तोउ-रोआ कहते हैं। बताया गया कि इस चमगादड़ की प्रजाति न्यूजीलैंड में गंभीर तौर पर खतरे में है। बर्ड ऑफ द ईयर अवॉर्ड इसलिए आयोजित किया जाता है ताकि न्यूजीलैंड में खत्म हो रहे जीवों की प्रजातियों को बचाने की मुहिम चलाई जा सके और उनके बारे में जागरुक फैलाई जा सके। इस अवॉर्ड के लिए कुल 56,700 लोगों ने वोट किया, जिसमें से 7 हजार से ज्यादा वोट चमगादड़ को मिले हैं।