scriptNational Sports Day 2021: कैसे हॉकी के जादूगर बन गए मेजर ध्यानचंद ? | National Sports Day 2021: major dhyan chand became hockey ke jadugar | Patrika News
नई दिल्ली

National Sports Day 2021: कैसे हॉकी के जादूगर बन गए मेजर ध्यानचंद ?

National Sports Day 2021. आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (major dhyan chand) की 116वीं जयंती है। उनके जयंती को हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2021) के रूप में मनाया जाता है।

नई दिल्लीAug 29, 2021 / 08:08 am

Nitin Singh

National Sports Day 2021.

National Sports Day 2021.

नई दिल्ली। National Sports Day 2021. आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (major dhyan chand) की 116वीं जयंती (Major Dhyan Chand’s birth anniversary) है। उनके जयंती को हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2021) के रूप में मनाया जाता है। 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्मे मेजर ध्यानचंद (dhyan chand) और हॉकी का साथ कुछ ऐसा था कि अगर एक बार गेंद उनकी स्टिप पर आती तो विपक्षियों के लिए गेंद छीनना आसान नहीं होता।
कहते हैं कि ध्यान चंद जब स्टिक लेकर मैदान में उतरते थे तो गेंद उनकी हॉकी से चिपक कर भागती थी। ऐसे में कुछ लोगों ने उनकी हॉकी में चुंबक तो कुछ ने तेज गोंद होने का दावा किया, लेकिन जब जांच में यह गलत साबित हुआ तो ध्यानचंद के करिश्माई खेल के लिए उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ (hockey ke jadugar major dhyan chand) के नाम से विभूषित किया गया।
कैसे बने हॉकी के जादूगर

1928 में एम्सटर्डम में हुए अपने पहले ओलंपिक में ध्यान चंद (major dhyan chand) ने सबसे ज्यादा 14 गोल कर गोल्ड मेडल दिलवाया। वे जिस तरह से अपनी स्टिक पर गेंद लेकर भागते तो विपक्षी तमाम कोशिशों के बावजूद उनसे गेंद हासिल नहीं कर पाते। कुछ लोगों को शक हुआ कि उनकी स्टिक में जरूर कुछ विशेष बात है। जानकारी के मुताबिक नीदरलैंड (हालैंड) के खेल अधिकारियों ने ध्यान चंद की स्टिक तोड़कर जांच करवाई कि कहीं उसमें किसी विशेष प्रकार का चुंबक तो नहीं लगा है। शक निराधार होने पर उन्होंने ध्यान चंद से माफी मांगते हुए उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ (hockey ke jadugar) बताया।
dhyan_chnadraa.jpg
मेजर ध्यानचंद के मुरीद हुए डॉन ब्रेडमैन

क्रिकेट के अजूबा कहे जानेवाले सर डॉन ब्रेडमैन का प्रशंसक दुनिया का हर क्रिकेट प्रेमी है, लेकिन ब्रेडमैन भी ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचंद से प्रभावित थे। साल 1935 में ध्यानचंद की टीम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी, जहां उन्होंने 48 मैचों में 201 गोल किए। इस दौरान ब्रेडमैन भी ऑस्ट्रेलिया में एक मैच देखने आए थे। ऐसे में ध्यानचंद को ताबड़तोड़ गोल करते देख वो दंग रह गए। मैच खत्म होने पर वे ध्यानचंद से मिले और कहा, -आप तो ऐसे गोल कर रहे थे मानों रन बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें

Khel Ratna Award: मेजर ध्यानचंद के नाम हुआ खेल रत्न अवॉर्ड, बेटे ने बोली भावुक कर देने वाली बात

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड

हिंदुस्तान के स्वर्णिम हॉकी इतिहास के इस महानायक ने साल 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया, और तीनों ही गेम में भारत को गोल्ड मेडल दिलवाया। वहीं भारत के लिए उनके योगदान को देखते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजावी गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया है। हालांकि मेजर ध्यानचंद के परिवार समेत कई लोग उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग कर रहे हैं।

Hindi News/ New Delhi / National Sports Day 2021: कैसे हॉकी के जादूगर बन गए मेजर ध्यानचंद ?

ट्रेंडिंग वीडियो