कई लोग बताते हैं कि उन्होंने मदर टेरेसा (Sant teresa) को चमत्कार करते देखा है। भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने मदर टेरेसा की जीवनी ‘मां टेरेसा’ लिखी है। नवीन चावला बताते हैं कि वैसे तो वो चमत्कारों में यक़ीन नहीं करते, लेकिन उन्होंने भी एक बार मदर के हाथों चमत्कार होते देखा है। चावला कहते हैं कि एक बार वो एयर इंडिया की फ़्लाइट से रोम से आई थीं। उन्होंने मुझे मैं हवाई अड्डे पहुंचने की जानकारी दी। मैं समय पर पहुंच गया, लेकिन उनका जहाज करीब 20-25 मिनट लेट था। वो जैसे ही फ्लाइट से उतरीं, उन्होंने कहा कि मुझे कोलकाता की कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी हैं।
ऑटोग्राफ मांगने वालों से मदद मांगने लगीं मदर नवीन बताते हैं कि उस जमाने में शाम को कोलकाता की सिर्फ एक फ्लाइट हुआ करती थी। वो कहते हैं कि मैंने कहा कोलकाता का प्लेन तो बोर्ड हो रहा है। आज आप अपने आश्रम में रुक जाइए और कल सुबह 6 बजे आपको कोलकाता भिजवा देंगे। मदर बोलीं मैं कल तक इंतजार नहीं कर सकती, मैं एक दवाई लाई हूँ एक बच्चे के लिए। अगर ये दवा उसे आज मिल जाए तो वो बच सकता है। ये सुनकर मैं तो पसीने-पसीने हो गया। वहां बहुत से लोग उनके ऑटोग्राफ लेने आ रहे थे और वो हर एक से वो कह रही थीं किसी तरह आप मुझे कोलकाता पहुंचवा दीजिए।
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पुण्यतिथि- सेवा की साकार मूर्ति थीं “मदर टेरेसा”
इट इज अ फर्स्ट क्लास मिरेकिल चावला ने बताया कि पता नहीं कैसे ये बात किसी तरह कंट्रोल टावर तक पहुंच गई और वहां से पायलट को भी इस बारे में पता चल गया। यह जानकारी मिलते ही पायलट ने टैक्सी करते हुए जहाज को रोक दिया। मुझसे कहा गया कि मैं मदर टेरेसा को गाड़ी में बैठा कर टारमैक पर ले जाऊं। मदर के पास सूटकेस नहीं होते थे, उनके पास पांच छह गत्ते के डिब्बे थे। एक में उनके कपड़े थे और बाकी में दवाईयां। मैंने सारी चीजें गाड़ी में लादी, कहीं से एक सीढ़ी आ गई। मदर टेरेसा प्लेन में चढ़ीं और कोलकाता के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने कहा, अगले दिन मैंने उन्हें फ़ोन कर पूछा बच्चे का क्या हाल है। मदर टेरेसा का जवाब था, बच्चा ठीक हो रहा है, इट इज अ फर्स्ट क्लास मिरेकिल। यह भी पढ़ें: वहीं एक फ्रांसीसी लड़की, जिसने कहा था कि मदर टेरेसा के एक पदक को छूने से पसलियां ठीक हो गईं, वह एक कार दुर्घटना में टूट गई थी। वहीं एक फिलिस्तीनी लड़की ने बताया था कि वो सपने में मदर टेरेसा को देखने के बाद हड्डी के कैंसर से उबर गई। वहीं भारत की मोनिका बेसरा ने दावा किया था कि उनका कैंसर मदर टेरेसा के कारण ठीक हुआ, उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि एकबार जब वे मिशनरीज ऑफ चैरिटी से घर गई, तो उन्हें बुखार, सिरदर्द, उल्टी और पेट में सूजन हो गई। जांच कराने पर रिपोर्टों में बेसरा को कैंसर के ट्यूमर से पीड़ित बताया गया।
गायब हो गया पेट का ट्यूमर
5 सितंबर को बेसरा जब मिशनरीज ऑफ चैरिटी चैपल में प्रार्थना कर रही थीं, तब उन्होंने मदर टेरेसा की एक तस्वीर से निकलने वाली रोशनी को देखा। इसके बाद एक पदक जो मदर टेरेसा के शरीर को छू गया था, बेसरा के पेट पर रखा गया, अगले दिन जब बसरा उठी तो पाया कि उसका ट्यूमर गायब हो गया था। मेडिकल परीक्षा से पता चला कि पेट का द्रव्यमान अब नहीं था और जिन डॉक्टरों को उसने देखा था, वे सहमत थे कि बेसरा को अब सर्जरी की आवश्यकता नहीं है।
5 सितंबर को बेसरा जब मिशनरीज ऑफ चैरिटी चैपल में प्रार्थना कर रही थीं, तब उन्होंने मदर टेरेसा की एक तस्वीर से निकलने वाली रोशनी को देखा। इसके बाद एक पदक जो मदर टेरेसा के शरीर को छू गया था, बेसरा के पेट पर रखा गया, अगले दिन जब बसरा उठी तो पाया कि उसका ट्यूमर गायब हो गया था। मेडिकल परीक्षा से पता चला कि पेट का द्रव्यमान अब नहीं था और जिन डॉक्टरों को उसने देखा था, वे सहमत थे कि बेसरा को अब सर्जरी की आवश्यकता नहीं है।