श्रीनेत ने यह बातें मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सोरोस से पोषित फंड चलाने वाले लोग भाजपा के करीबी हैं और उनके साथ नरेंद्र मोदी मंच साझा करते हैं। सोरोस के प्रोजेक्ट हिंदुस्तान में पहली बार 1999 में शुरू हुए, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे, तब सोरोस छात्रवृत्ति और फेलोशिप जैसी चीजें दिया करते थे। 2014 से उन्होंने ग्रांट प्रोग्राम शुरू किया। सोरोस की ओपन सोसायटी के सोरोस इकोनॉमिक डेवलपमेंट फंड के दो बड़े इंवेस्टमेंट सोंग और एस्पाडा हैं। एस्पाडा ने करीब 90 मिलियन डॉलर छोटे उद्योगों, किसानों और स्टार्टअप में निवेश किए। लेकिन एस्पाडा ने बड़ा पैसा निओ ग्रोथ और कैपिटल फ्लोट को दिया। कैपिटल फ्लोट के फांउडर गौरव हिंदुजा और शशांक ऋयशृंगा नरेंद्र मोदी के प्रबल समर्थक हैं, जो उनके साथ मंच साझा करते रहते हैं। ये दोनों व्यक्ति जॉर्ज सोरोस के पैसे से पोषित फंड चलाते हैं। इनके फण्ड ने करीब 300 मिलियन डॉलर से 40,000 छोटे उद्योगों की फंडिंग की है। उन्होंने बताया कि शशांक की शादी भाजपा के पूर्व कोषाध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे वीरेन शाह की पोती प्रिया शाह के साथ हुई है। शादी में भाजपा के बड़े नेता लाल कृष्ण आडवाणी और देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए थे।
गंभीर गतिविधियां तो फिर धंधा पानी बंद क्यों नहीं करते
श्रीनेत ने सवाल किया कि जॉर्ज सोरोस अगर भारत विरोधी गतिविधियां कर रहा है, तो मोदी सरकार द्वारा उसका धंधा-पानी बंद क्यों नहीं किया जा रहा है। यूएन डेमोक्रेसी फंड में मोदी सरकार पैसा क्यों दे रही है। सोरोस के प्रत्यर्पण के लिए मोदी सरकार की ओर से अमेरिका सरकार को पत्र क्यों नहीं लिखा जा रहा है। श्रीनेत ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को सिर्फ फेक न्यूज का ही सहारा है। जब भाजपा के लोगों ने सोरोस के मुद्दे पर फ्रेंच मीडिया कंपनी मीडियापार्ट का हवाला दिया, तो इससे मीडियापार्ट ने ही इंकार कर दिया। मीडियापार्ट ने भाजपा से उसके नाम पर फेक न्यूज फैलाने से मना किया और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई लेख नहीं छापा है।