अपनी कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (माकपा) नेता जलील ने पने फेसबुक पेज पर घाटी के पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों को वास्तव में स्वतंत्र बताया और उसकी प्रशंसा की। उन्होंने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा, “पाकिस्तान में मिलाए गए कश्मीर के हिस्से को ‘आजाद कश्मीर’ के नाम से जाना जाता है। घाटी के लोग हंसना भूल गए हैं। भारतीय सेना के जवान जम्मू-कश्मीर में हर जगह हैं।”
उन्होंने लिखा, “कश्मीर के चेहरे पर चमक नहीं है। हर जगह सैनिक बंदूकों के साथ दिखते हैं। पुलिसकर्मियों के कंधों पर बंदूकें बंधी होती हैं। सैनिकों को सड़क पर हर सौ मीटर पर देखा जा सकता है। पिछले कई दशक से सेना का हरा रंग कश्मीर का रंग बन गया है। आम लोगों के चेहरों पर उदासी थी। देखकर ऐसा लगा जैसे कश्मीरी लोग हंसना भूल गए हैं। सेना के ट्रक और सैनिकों की उपस्थिति कश्मीरियों के रोज के जीवन का हिस्सा हो गए हैं। सभी राजनीतिक नेता नजरबंद हैं। कई महीनों से राजनीतिक गतिविधि बंद है। हर जगह उदासीनता छिपी हुई है।”
जलील ने अपने इस पोस्ट में धारा 370 निरस्त करने की आलोचना भी की है। उन्होंने धारा 370 निरस्त करने का जिक्र करते हुए जलील ने लिखा, “मोदी सरकार ने कश्मीर को तीन हिस्सों में काट दिया। इसके चलते लोगों में गुस्सा है। कश्मीरियों के दिलों में अलगाव की भावना गहराई से बसी है। इसे बदलने के लिए केंद्र सरकार को व्यवस्थित प्रयास करना चाहिए।”