शाह की की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ये निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि इस प्रस्ताव को लेकर मार्च में एक अहम बैठक हुई थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और सीएपीएफ के अफसर मौजूद थे। इसके बाद ड्राफ्ट तैयार हो जाने के बाद बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में मुलाकात की थी। जिसके बाद इस प्रस्ताव पर शनिवार सुबह 10 बजे मोहर लगा दी गई।
इन 13 भाषाओं में तैयार किया जाएगा प्रश्न पत्र हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा प्रश्न पत्र जिन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा वो हैं- असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल,तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी,कोंकणी।
इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे। जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेगी।
गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग कई भारतीय भाषाओं में परीक्षा के संचालन की सुविधा के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन से संबंधित एक परिशिष्ट यानी Appendix पर हस्ताक्षर करेंगे। 1 जवनरी 2024 से होगा लागू यह फैसला
कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है। जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का फैसला 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएगा।
इस निर्णय के बाद राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का उपयोग करने और देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करेंगे।